भाजपा के साथ गठबंधन से पहले रालोद और सपा का साथ था। तब बिजनौर लोकसभा सीट रालोद के खाते में तय माना जा रहा था। रालोद प्रमुख जयन्त चौधरी नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी संस्थापक चंद्रशेखर को अपने सिंबल से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। लेकिन जयन्त चौधरी भाजपा के साथ चले गए। कांग्रेस से गठबंधन के बाद बिजनौर और नगीना सीट सपा के कोटे में आई थी।
सबसे अधिक चर्चा में रही नगीना सीट पर सपा हाईकमान ने आजाद समाज पार्टी संस्थापक चंद्रशेखर को झटका दिया है। वे सपा के गठबंधन के सहारे नगीना सीट से ताल ठोक रहे थे। शुक्रवार को भी उन्होंने यहां जनसभा की थी लेकिन सपा ने यहां से पूर्व जज मनोज कुमार को मैदान में उतार दिया है।
बिजनौर लोकसभा सीट से भाजपा और रालोद गठबंधन प्रत्याशी चंदन चौहान चुनाव मैदान में हैं तो बसपा ने जाट चेहरे बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर सपा द्वारा किसी मुस्लिम या सैनी समाज के चेहरे को टिकट देने की चर्चा थी लेकिन सपा हाईकमान ने उम्मीदों से एकदम विपरित पूर्व सांसद यशवीर सिंह का नाम घोषित करके चौंका दिया है। अनुसूचति समाज से आने वाले यशवीर सिंह धोबी वर्ष 2009 में नगीना सीट पर सांसद रह चुके हैं। वे 2014 में भाजपा के डा.यशवंत सिंह से चुनाव हार गए। 2019 में सपा बसपा गठबंधन में सीट सपा के खाते में जाने पर वे भाजपा में चले गए लेकिन जल्दी ही सपा में वापसी कर ली।
वहीं आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के सपा के साथ मिलकर नगीना सीट पर चुनाव लड़ने की बात कही जा रही थी लेकिन यहां से पूर्व अपर जिला जज एवं सत्र न्यायधीश मनोज कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है। मूल रूप से चंदोली जिले के रहने वाले हैं।

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