मुजफ्फरनगर। कल्याणकारी शिक्षा समिति, बघरा (मुजफ्फरनगर) के प्रबन्धक व सचिव कुँवर देवराज पंवार ने कुछ निहित स्वार्थ वाले लोगों पर संस्था की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज के विकास के लिए जो भी कार्य होे रहे हैं, उन्हें समिति से पास कराकर ही अमल में लाया जा रहा है।
आज प्रेस वार्ता में कुंवर देवराज पंवार ने कहा कि वीतराग स्वामी कल्याण देव महाराज पद्मश्री पदमभूषण ने महात्मा गाँधी व सन्त विनोवा भावे से प्रेरणा पाकर विशेष रूप से जनपद मुजफ्फरनगर में शिक्षा की ज्योति जगाकर अनेक शिक्षण संस्थायें बनायी। कुंवर देवराज पंवार ने 1972 में 17 वर्ष की आयु में ही उनसे प्रेरणा पाकर उनका यदा कदा सहयोग करना शुरू किया तथा बघरा क्षेत्र में जनपद मुजफ्फरनगर में कृषि विज्ञान केन्द्र के संस्थापक सचिव के रूप में इस संस्थान के लिए करोडों रुपए का अनुदान प्राप्त कर निर्माण कराया तथा अवैतनिक सचिव के रूप में विकसित कराकर स्वामी कल्याणदेव जी के निर्देश पर भारत सरकार को सौंपा जिससे वहाँ के कर्मचारी सरकारी बन गये। तदोपरान्त कल्याणकारी शिक्षा समिति, बघरा के नेतृत्व में चल रहे स्वामी कल्याणदेय डिग्री कालेज के सचिव का कार्यभार ऐसे समय पर संभाला जब उनसे उच्च नेतृत्व ने ऐसा करने को कहा, जबकि उस समय सन 2009 में सचिव एवं डायरेक्टर चल रहे विवाद के कारण कॉलिज से त्याग पत्र देकर चले गये थे तथा विद्यालय की वित्तीय स्थिति तथा छात्रों की संख्या नगण्य थी तथा उस समय में कानूनी पेचीदगी से उसे निकाला तथा वित्तीय स्थिति भी ठीक की तथा बी०काम व बी०एस-सी० की मान्यता भी करायी तथा अनुशासन स्थापित कराया। उस समय केवल बी०ए० की मान्यता थी।
उन्होंने बताया कि स्वामी कल्याणदेव डिग्री कॉलिज, स्ववित्त पोषित संस्था बघरा, मुजफ्फरनगर प्रबन्ध कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दूषित एवं स्वार्थी व्यक्ति द्वारा संस्था व उसकी कार्यकारिणी के सम्बन्ध में दुष्प्रचार किया जा रहा है और यह समस्त तथ्य तोड-मरोड कर जनमानस व नेतृत्व जनप्रतिनिधियों को भ्रमित कर अर्द्धसत्य बताया जा रहा है कि विद्यालय की कृषि भूमि को विक्रय कर दिया गया है। यह सम्पत्ति श्री शुकदेव आश्रम स्वामी कल्याणदेव ट्रस्ट की नहीं है वरन 1950 से कल्याणकारी शिक्षा समिति सोसाइटी की है। सन् 2016 में कुंवर देवराज पवांर सचिव के कार्यकाल में क्रय/खरीदी गयी है तथा लगभग 7 साल बाद इसे 3 गुणा मूल्य अधिक पर सन 2024 में विक्रय किया गया। वह स्वामी कल्याण देव डिग्री कॉलिज, बघरा के नाम खरीदी गयी थी। उनका कहना है कि स्वार्थी तत्व इसे ट्रस्ट की बताकर सभी जनमानस व नेतृत्व को भ्रमित करते रहे है ताकि असत्य भाषण कर वह सोसाईटी को बदनाम कर सके। इसमें वह पूर्ण सत्य को छिपाकर प्रस्तुत करते है ताकि भ्रम पैदा हो और सबके मन में भ्रमित विचार आयें। वास्तविक स्थिति यह है कि विद्यालय की भूमि नियमानुसार संवैधानिक स्थिति व विधिक स्थिति व संस्था के नियमानुसार प्रस्ताव पारित कर संस्था के हित को ध्यान में रखते हुए विक्रय की गयी क्योंकि संस्था को 75 वर्ष पुराने जर्जर हुए भवनों का पुन: निर्माण कराना आवश्यक था। पुराने होने के कारण विद्यालय भवन के कक्षों में दुर्घटना से होने वाली सम्भावना को देखते हुए अतिशीघ्र उनका निर्माण कराए जाने की सावधानी आवश्यक थी। अत: विधि अनुसार संस्था की सभा कार्यकारिणी के उपस्थिति सदस्यों की सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कराकर उपर्युक्त भूमि विक्रय की गयी तथा समस्त धन को विद्यालय के बैंक एकाउण्ट में क्रेता द्वारा निर्गत कराकर रखा गया है तथा कार्यकारिणी की स्वीकृति से जर्जर भवनों के पुन: निर्माण में प्रयुक्त किया जायेगा। निहित स्वार्थी तत्व जिनका कि विद्यालय में ना कोई धन लगा है और ना ही विद्यालय के लिए ऐसे तत्वों ने समय का कोई योगदान किया है। उनका येन-केन-प्रकारेण यही दुष्प्रचार का उद्देश्य रहता है कि भले व कर्मठ कार्यकारिणी नेतृत्व की छवि समाज में धूमिल हो जाये और समाज में दुष्ट व निकृष्ट स्वार्थी तत्त्व उनकी धन सम्पदा जोकि सचिव /प्रबन्धक कुवंर देवराज पवांर के 16 वर्षों के कार्यकाल में विकास एवं प्रगति के उच्च आयाम स्थापित कर ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणदेव जी के उच्च आदर्शों को स्थापित कर बघरा क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण आंचल में शिक्षा की अविरल ज्योति प्रकाशित कर महत्वपूर्ण योगदान किया गया को हस्तगत कर सके। अत: जनमानस व नेतृत्व को भ्रम से मुक्त कर सत्य की यह ज्योति प्रकाशित की गई है तथा संस्थाओं की प्रगति विषयवार प्रस्तुत की गयी है। इस मौके पर उपेंद्र भारद्वाज व अन्य लोग मौजूद रहे।
कुंवर देवराज पंवार ने अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों की बिन्दुवार प्रगति आख्या देते हुए स्वामी कल्याणदेव डिग्री कालेज, बघरा के लिए कराए गए कार्याें का विवरण प्रस्तुत किया।
1-स्वामी कल्याणदेव डिग्री कालेज में बी०काम० व बी एस०सी० की मान्यता विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गयीं
2- महाविद्यालय में तीन बड़े कक्षों में विज्ञान संकाय की प्रयोगशालायें स्थापित की गयी जिसे आधुनिक उपकरणों द्वारा सुसज्जित किया गया।
3-एक बहुआयामी क्रियाकलापों एवं सेमिनार डिबेट आदि क्रियाकलापों हेतु एक विशाल कक्ष (हॉल) का निर्माण किया गया जिसमें लगभग 200 प्लास्टिक कुर्सियों की व्यवस्था की गई।
4-प्रधानाचार्य एवं शिक्षण कक्षों में डीजल बचाने हेतु इन्वर्टर का प्राविधान किया गया जिससे हर समय विद्युत उपलब्ध रह सके।
5- महाविद्यालय में 25 केवी के जनरेटर एवं वाई-फाई की व्यवस्था की गयी।
6- विद्यालय में दो वाटर कूलर की व्यवस्था की गयी।
7- विद्यालय में चित्रकला कक्ष में सनमाईका लगाकर चित्रकला हेतु सुसज्जा की गई।
8- तीन आधुनिक कमरों के साथ विद्यालय के स्वयं धन से बडे कक्ष तथा दो छोटे कक्षों का निर्माण किया गया।
9- स्थानीय विधायक पंकज मलिक के द्वारा विधायक निधि से एक कक्ष का निर्माण कराया गया।
10- विद्यालय में लगभग 25 दुकानों का मुख्य सडक पर निर्माण न कर उसे भविष्य के किसी प्रबन्ध तन्त्र हेतु छोडा गया ताकि आगे आने वाले प्रबन्ध तंत्र के लिए भी आय के स्रोत बने रहे।
11- छात्र व छात्राओं तथा शिक्षकों हेतु एक अत्याधुनिक शौचालय व मूत्र विसर्जन हेतु आधुनिक शौचालय का निर्माण कराया गया।