बिजनौर जिले के गढ़मलपुर गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां शादी की रौनक जूता चुराई की रस्म में उठे विवाद के चलते मातम में बदल गई। कम रकम देने पर नाराज दुल्हन पक्ष ने बारातियों को बंधक बनाकर पीट दिया और आखिरकार शादी टूट गई।
शनिवार को गढ़मलपुर गांव में खुर्शीद की बेटी की शादी देहरादून के चकरौता निवासी निसार अहमद के बेटे मोहम्मद साबिर से तय थी। बारात धूमधाम से पहुंची और निकाह की रस्में भी शांति से पूरी हो गईं। मगर रस्मों के बीच ‘जूता चुराई’ की परंपरा ने हंगामा खड़ा कर दिया।
साली ने जीजा के जूते चुरा लिए और जूते वापस करने के बदले 50 हजार रुपये की मांग की। इस पर दूल्हा साबिर ने जेब से 5000 रुपये निकालकर थमा दिए। बस, फिर क्या था – साली और बाकी महिलाओं ने दूल्हे को “भिखारी” कह दिया। मामला गरमा गया और दूल्हे ने बाकी रस्में पूरी करने से इनकार कर दिया।
हालात बिगड़ते देख घरातियों और बारातियों में कहासुनी हो गई। बारातियों को एक कमरे में बंद कर दिया गया और कथित रूप से पीटा गया। दूल्हे के पिता, दादा, भाई और अन्य रिश्तेदारों के साथ मारपीट की गई। किसी ने डायल 100 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को नजीबाबाद थाने ले जाकर मामला शांत कराया।
दुल्हन पक्ष का आरोप है कि दूल्हे के परिवार ने जूता चुराई के बहाने तंज कसा कि “दहेज में दिया सोना नकली है।” दुल्हन के भाई ने जवाब दिया, “आपको सोने से प्यार है या हमारी बहन से?” इस पर जवाब मिला, “हमें पैसे से प्यार है।” बताया गया कि दूल्हे ने दहेज में स्विफ्ट कार और दो लाख रुपये की मांग भी की थी, जो दिए गए थे। फिर भी बारातियों ने कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया जिससे विवाद और बढ़ गया।
थाने में दूल्हा साबिर ने बताया, “साली ने 50 हजार की मांग की, मैंने 5000 दिए। इसके बाद बहस शुरू हो गई और हमें कमरे में बंद कर मारपीट की गई।” दुल्हन के भाई ने कहा कि दूल्हे के भाई ने गहना फेंककर कहा, “कल आना, सब सिखा देंगे।”
करीब 24 घंटे तक चली पंचायत के बाद दोनों पक्षों में साढ़े छह लाख रुपये में समझौता हुआ। इसके बाद दूल्हे ने दुल्हन को तलाक दे दिया और बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गई।