ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को सरकार द्वारा 18-22 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के लिए तीन मांगें रखी गई हैं।

ओवैसी ने कहा कि सत्र के दौरान चीन के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए और न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग है कि जो जमीन हम चीन के हाथों खो चुके हैं, उस पर संसद के अंदर बहस होनी चाहिए।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हम शुरू से ही एक विशेष सत्र की मांग कर रहे थे क्योंकि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किमी भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है। चीन डेपसांग और डेमचोक को नहीं छोड़ रहा है…जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशेष सत्र बुलाएंगे, तो हमें उम्मीद है कि पीएम चीन पर चर्चा की अनुमति देंगे। दूसरा, रोहिणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसलिए, हम मांग करते हैं कि मोदी सरकार विशेष सत्र में एक विधेयक लाए ताकि 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन किया जा सके।’

ओवैसी ने यह भी मांग की कि इसरो वैज्ञानिकों और स्टार भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा को संसद में आमंत्रित किया जाना चाहिए और सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”तीसरा, हम मांग करते हैं कि इसरो वैज्ञानिकों और नीरज चोपड़ा को संसद में आमंत्रित किया जाए और सम्मानित किया जाए।”

सरकार ने गुरुवार को 18 से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों के लिए संसद के “विशेष सत्र” की घोषणा की है। लेकिन इसके एजेंडे के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ये स्पेशल सत्र आम, राज्य और स्थानीय चुनावों और लोकसभा और विधानसभाओं जैसे सीधे निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण पर विधेयक को लेकर है। हालांकि, दोनों संवैधानिक संशोधन विधेयक हैं और दोनों सदनों में दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन से पारित होने की जरूरत होगी।

 

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