मुंबई में गणेश उत्सव के अंतिम दिन गुरुवार को भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए निकाले जाने वाले जुलूसों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 19 हजार से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि विसर्जन के जुलूस के लिए अधिकारियों और होम गार्ड्स की तैनाती की गई है। उत्सव के अंतिम दिन ‘अनंत चतुर्दशी’ पर घंटों तक जुलूस निकाला जाता है और इस दौरान भगवान गणेश को विदाई देने के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। लोगों से अपील की गई है कि विसर्जन के दौरान समुद्र में जाने से बचें और प्रशिक्षित कर्मियों की मदद लें।

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने भी लोगों से विसर्जन के दौरान अंधेरे वाली जगहों या सुनसान इलाकों से दूर रहने की अपील की है। एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी ने 1,337 गोताखोर तैनात किए हैं। इनमें 69 प्राकृतिक जलाशयों पर 1,035 और लगभग 200 कृत्रिम तालाबों में 302 गोताखोर तैनात किये गए हैं। साथ ही प्राकृतिक जलाशयों पर 53 मोटरबोट की व्यवस्था की गई है। पुलिस की अपील के बाद विभिन्न मुस्लिम संगठनों और धार्मिक नेताओं ने ‘अनंत चतुर्दशी’ के मद्देनजर ईद-ए-मिलाद जुलूस गुरुवार के बजाए शुक्रवार को निकालने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई में 16,250 कांस्टेबल, 2,866 अधिकारी, 45 सहायक पुलिस आयुक्त, 25 पुलिस उपायुक्त, आठ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रदेश आरक्षित पुलिस बल (SRPF) की 35 प्लाटून, त्वरित कार्रवाई बल की एक कंपनी, त्वरित मोचन दल (QRT) और होम गार्ड्स के जवान यहां महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात रहेंगे। महानगर के गिरगांव, दादर, जुहू, मार्वे और अक्सा समुद्र तटों सहित 73 स्थानों पर घरों और सार्वजनिक पंडालों में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि मुंबई में सभी विसर्जन जुलूसों की CCTV कैमरों से कड़ी निगरानी की जाएगी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में भीड़ में शामिल रहेंगे। अधिकारी ने बताया कि विसर्जन जुलूसों की निगरानी के लिए अलग से नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। मुंबई में भगवान गणेश की मूर्तियों के विसर्जन की निगरानी के लिए 250 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, जिनमें प्राकृतिक जलाशयों की निगरानी के लिए 72 और कृत्रिम तालाबों के लिए 178 निगरानी कक्ष शामिल हैं।

बीएमसी ने विभिन्न समुद्री तटों पर 468 स्टील की प्लेटें लगाई हैं ताकि प्रतिमाओं को ले जाने वाले वाहन रेत में न फंसें। इसके अलावा समुद्र में विशाल मूर्तियों के विसर्जन के लिए 46 जर्मन राफ्ट की व्यवस्था की गयी है। विसर्जन स्थलों पर अग्निशमन वाहनों और प्रशिक्षित कार्यबल की तैनाती के अलावा, प्राकृतिक जलाशयों और कृत्रिम जलाशयों पर कुल 242 निरीक्षण टावर स्थापित किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि विसर्जन स्थलों पर 96 एंबुलेंस भी तैनात रहेंगी। बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) के सहयोग से विसर्जन वाली जगहों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था के लिए 1,083 फ्लड लाइट और 27 सर्चलाइट लगाई गई हैं। बीएमसी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर 150 “निर्मल्य कलश” स्थापित किये गये हैं। पुणे में विसर्जन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ बम खोजी एवं निरोधक दस्ते, त्वरित कार्रवाई बल और श्वान दस्ते भी तैनात किए गए हैं। पुणे में 3,865 गणेश मंडल हैं, जबकि घरों में भगवान गणेश की 6,14,257 प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।

 

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