माना जा रहा है कि ये निशान अजय रावत के है। मंत्री के घर की फुटेज में अजय रावत तकिया के नीचे से पिस्टल निकालते हुए दिख रहा है। हालांकि, इस फुटेज की पत्रिका पुष्टि नहीं करता है। विनय श्रीवास्तव की हत्या के बाद उसके घर वाले और पुलिस मौके पर पहुंची थी तो खून से लथपथ शव के पास ही विकास किशोर की लाइसेंसी पिस्टल पड़ी मिली थी। एक सितम्बर की रात में ही जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने दावा किया था कि विनय को गोली अंकित वर्मा ने मारी थी।
उसके साथ मारपीट के समय अजय रावत और शमीम भी थे। इन तीनों को ही जेल भेजा गया था। अंकित ने पुलिस अफसरों के सामने कुबूला था कि हत्या से कुछ देर पहले ही सौरभ व अरुण उर्फ बंटी घर से चले गये थे। विनय की गोली लगने से मौत होने पर अंकित ने इन दोनों को फिर बुला लिया था। एडीसीपी ने बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट के आधार पर कुछ तथ्यों की पड़ताल की जा रही है।