भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने रविवार रात करीब तीन घंटे तक राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए उम्मीदवारोंं की सूची पर मंथन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और चुनाव समिति के सदस्यों व राजस्थान के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठक में राजस्थान की मजबूत और कमजोर सहित कुल 65 सीटों पर चर्चा हुई।

दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति और पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक से पहले रविवार को दिनभर प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता सियासी गणित पर होमवर्क करते रहे। सुबह प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी कई नेताओं को लेकर बैठे और उन सीटों पर मंथन किया जिन पर केंद्रीय चुनाव समिति में चर्चा होनी थी। जोशी के आवास पर राजस्थान के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रभारी अरुण सिंह और सह प्रभारी विजया राहटकर भी बैठक में मौजूद रहीं। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लंबी मंत्रणा हुई। यहां पहली लिस्ट के नामों को अंतिम रूप दिया गया। वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को भी दिल्ली बुलाया गया। बैठक को लेकर राजस्थान के नेता दो दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

बैठक में प्रदेशाध्यक्ष जोशी, नेता प्रतिपक्ष राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया रहाटकर, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, ओम माथुर भी भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक में शामिल हुए।

सूत्रों के अनुसार रविवार को ए व डी श्रेणी की सीटों पर सूची फाइनल की गई जिसकी घोषणा की जा सकती है। प्रदेश में डी श्रेणी की 19 कमजोर सीट हैं, जहां पिछले तीन बार से चुनाव नहीं जीत पाई। इसमें दांतारामगढ़, सरदारपुरा, कोटपूतली, झुंझुनं, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, खेतड़ी, नवलगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, लालसोट, सिकराय, टोडाभीम, सपोटरा, बाड़ी, वल्लभनगर, बागीदौरा, और बस्सी विधानसभा शामिल है।

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