कोटा में कोचिंग सेंटर का गढ़ है पर अब लगता है यह तैयारी कर रहे बच्चों का सुसाइड सेंटर हो गया है। रविवार को एक बार फिर दो स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली है। जिसके बाद इस साल कोटा में कोंचिंग कर रहे छात्रों की आत्महत्या का आंकड़ा 23 तक पहुंच गया है। इन दो बच्चों की आत्महत्या के बाद सरकार और प्रशासन में हड़कम्प मच गया। कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने बच्चों की सुसाइड को देखते हुए तत्काल एक एडवाइजरी जारी की। जिसमें सभी कोचिंग संस्था को अगले दो महीने तक कोचिंग में टेस्ट लेने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया। जिला प्रशासन लगातार इस प्रयास में है कि तैयारी कर रहे बच्चे स्ट्रेस फ्री रहें। पर मामले लगातार बढ़ रहे है।
बताया जा रहा है कि कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने 12 अगस्त को एक गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें कोचिंग संचालकों को सख्त हिदायत दी थी कि रविवार को कोई टेस्ट नहीं करवाएं जाएं। बावजूद इसके टेस्ट लेना रविवार को जारी रहा। बताया जा रहा है कि दोनों छात्रों ने रविवार को टेस्ट में अच्छे नम्बर न आने की हताश में आत्महत्या कर ली। जिसके बाद कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार रात एक आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया कि अब कोई भी कोचिंग संस्थान दो माह तक बच्चों के टेस्ट नहीं लेगा। दरअसल, ज्यादातर कोचिंग के टेस्ट रविवार को होते हैं।
एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया लातूर (महाराष्ट्र) निवासी आविष्कार संभाजी कासले (16 वर्ष) ने करीब तीन बजे कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर लिया। कोटा के तलवंडी इलाके में तीन साल से वह NEET की तैयारी कर रहा था। रविवार को वह रोड नंबर 1 स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट में टेस्ट देने आया था।
बिहार के रोहिताश्व जिले के रहने वाले आदर्श (18 वर्ष) ने रात सात बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया अपने कमरे में फंदे से लटका मिला। वह नीट की तैयारी कर रहा था। एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया, फ्लैट में अलग-अलग तीन कमरे हैं। रविवार को टेस्ट देकर आने के बाद आदर्श अपने कमरे में चला गया था। सात बजे बहन ने खाना खाने के लिए बुलाया। पर जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो दरवाजा तोड़ा गया। आदर्श फंदे पर लटका रहा था। अस्पताल ले जाया गया पर वह बच नहीं पाया।