फूलबंगला में बिराजे कनक भवन बिहारिणी-बिहारी जू और हनुमान
अयोध्या, 19 मई (हि.स.)। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जेठ कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर कनक भवन और हनुमानगढ़ी में दिव्य फूलबंगला झांकी सजाई गई। फूलबंगला झांकी का आयोजन प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वृंदावन धाम के सुप्रसिद्ध संत श्रीमज्जगतगुरु पीपाद्वाराचार्य स्वामी बलराम देवाचार्य महाराज एवं उनके भक्ताें द्वारा किया गया। जाे पिछले एक दशक से ज्यादा समय से कनक भवन व हनुमानगढ़ी में फूलबंगला झांकी का आयोजन करते हुए चल आ रहे हैं। साेमवार काे कनक भवन और हनुमानगढ़ी मंदिर का प्रांगण सुगंधित फूलों से महक उठा। जहां भांति-भांति के देशी-विदेशी सुगंधित पुष्पाें ने फूलबंगला झांकी की शाेभा बढ़ाया। यह फूल लखनऊ, वृंदावन, बनारस, काेलकाता से मंगवाए गए थे। कुछ पुष्प विदेशाें से भी आयातित रहे। दिव्य फूलबंगला झांकी काेलकाता के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार की गई थी। जिसकी सुंदरता-मनाेरमता देखते हुए बनी। भव्य फूलबंगला झांकी में कनक बिहारी-बिहारिणी सरकार, बजरंगबली विराज रहे थे। जिनका दर्शन कर भक्तजनों ने अपना जीवन धन्य बनाया और पुण्य के भागी बने।
कनक भवन-हनुमानगढ़ी में भगवान के फूलबंगला झांकी दर्शन का सिलसिला देररात्रि तक चलता रहा। सायंकाल सर्वप्रथम हनुमानगढ़ी व कनक भवन मंदिर में अनेकानेक सुगंधित पुष्पाें से भव्य फूलबंगला झांकी सजाई गई। उसके बाद गर्भगृह में विराजमान बजरंगबली एवं कनक बिहारी-बिहारिणी सरकार का दर्शन-पूजन, भाेग, आरती पश्चात मंदिर के पट भक्ताें के दर्शनार्थ खाेल दिए गए। अपने आराध्य का दर्शन के लिए हनुमानगढ़ी, कनक भवन में भक्ताें की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जहां श्रद्धालुओं का तांता लग गया। भक्तजन फूलबंगले में विराजमान आराध्य का दर्शन बारी-बारी से कर रहे थे। दाेनाें मंदिरों में ऐसा सिलसिला देररात तक चलता रहा। इस अवसर पर श्रीमज्जगतगुरु पीपाद्वाराचार्य बलराम देवाचार्य महाराज ने बताया कि मठाें में विराजमान भगवान के विग्रह संत-साधकों के लिए वस्तुतः अर्चावतार की भांति हैं। जहां प्राण-प्रतिष्ठित देव विग्रह को सजीव माना जाता है। यही कारण है कि साधक संतों ने उपासना के क्रम में विराजमान भगवान के अष्टयाम सेवा पद्घति अपनाई। इस सेवा पद्घित में भगवान की भी सेवा जीव स्वरूप में ही की जाती है। जिस प्रकार जीव जैसे सोता, जागता है। उसी प्रकार भगवान के उत्थापन एवं दैनिक क्रिया कर्म के बाद उनका श्रृंगार पूजन, आरती भोग-राग का प्रबंध किया जाता है। भगवान को गर्मी से बचाने हेतु पुरातन काल में संतों ने फूलबंगला झांकी की परंपरा का शुभारंभ किया था। इसका अनुपालन हम आज भी कर रहे है। वृंदावन धाम एवं अयोध्या धाम में हर वर्ष फूलबंगला झांकी का आयोजन किया जाता। उसी क्रम में इस बार भी कनक भवन, हनुमानगढ़ी में भव्य फूलबंगला झांकी सजाई गई।