प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल शनिवार रात साढ़े दस बजे हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों भाई को काल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल के लिए लेकर आई थी। लेकिन रास्ते में ही 3 हमलावरों ने दोनों भाई को मौत के घाट उतार दिया।

तीनों हमलावरों को रविवार शाम ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। प्रयागराज की जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में तीनों हत्यारों को पेश किया गया था। उसके बाद ही उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज गया। जिसके बाद STF और जिला पुलिस ने तीनों शूटरों से करीब 17 घंटे तक पूछताछ की। जिसमें शूटर्स से 22 सवाल पूछे गए।

15 अप्रैल की रात बरामदगी के बाद अतीक अहमद-अशरफ को मेडिकल टेस्ट कराने के लिए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज पुलिस लेकर पहुंची, तभी पहले से घात लगाकर बैठे तीन शूटर्स लवलेश तिवारी, मोहित ऊर्फ सनी और अरुण कुमार मौर्य मीडिया कर्मी के भेष में पहुंचे।

माफिया ब्रदर्स जब बाइट दे रहे थे, इसी बीच तीनों ने फायरिंग कर दी। 16 सेकंड में 14 राउंड फायरिंग की, जिसमें मौके पर ही अतीक और अशरफ की मौत हो गई। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद तीनों ने सरेंडर कर दिया। आइए जानते हैं ATS के उन 22 सवालों के बारे में।

मर्डर करने का क्या मकसद है?

मर्डर करने की साजिश कब रची गई?

मर्डर में इस्तेमाल होने वाले विदेशी हथियार कहा से मिले?

मर्डर करने से पहले क्या रेकी की गई थी?

मीडिया आईडी, डमी कैमरा और माइक कहा से लिया?

हत्याकांड को अंजाम देने के लिए किस-किसकी मदद ली?

क्या तीनों ने किसी के इशारे पर इस मर्डर को अंजाम दिया है?

प्रयागराज की सीमा में कब दाखिल हुए?

पहले क्या थी आखिरी लोकेशन?

तीनों एक-दूसरे से कितने दिनों से संपर्क में थे?

संपर्क साधने के लिए किन तकनीकों का इस्तेमाल किया?

अतीक और अशरफ अहमद से क्या रंजिश थी?

क्या मर्डर का कॉन्ट्रैक्ट किसी से लिया गया था?

अतीक और अशरफ अहमद को कब से जानते हो?

15 तारीख से पहले भी क्या हत्या करने की कोशिश की गई थी?

प्रयागराज में एंट्री करने के बाद कहां रुके?

तीनों के पास इतने कारतूस कहां से आए?

हत्या के बाद किसके इशारे पर सरेंडर किया?

सिर्फ अतीक का खात्मा करना चाहते थे? या दोनों को मारने आए थे?

शुरुआत की 7 राउंड की गोलियां सिर्फ अतीक को निशाना बनाकर क्यों चलाई गई?

मीडिया के भेष में हमला करने की योजना किसकी थी?

हमले के बाद धार्मिक नारे क्यों लगाए गए?

इस वारदात के बाद से पूरे यूपी में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया। साथ ही संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ाई गई। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती कर गई। देखते ही देखते पूरा प्रदेश छावनी में तब्दील हो गया है।

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