हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद 45 से अधिक लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव अभियान शुक्रवार को जारी है।
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया कि राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों को पूरी रात चले अभियान के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया।
कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों में, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बुधवार को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग लापता हो गए।
जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना में भी 33 लोग फंस गए। कुल्लू उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि 33 में से 29 लोगों को निकाल लिया गया है।
बारिश के कारण एक सुरंग की दीवार और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और बैराज में पानी आ गया। लेकिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और होमगार्ड की टीमें 29 लोगों को बचाने में सफल रहीं, जबकि चार लोग अभी भी पावर हाउस में हैं।
सबसे अधिक नुकसान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के समेज क्षेत्र में हुआ हैं। यहां बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि अचानक बाढ़ आने के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग लापता हो गए।