जनवरी 2024 से राम मंदिर में रामलला का दिब्य दर्शन होगा। भव्य राम मन्दिर के 13 दरबाजों के बीच बने गर्भगृह में सोने के सिंघासन पर विराजमान हो जायेगें। 16 जनवरी से 24 जनवरी के बीच प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके पहले मंदिर भूतल और प्रथम तल का कार्य भी पूरा हो जाएगा। और रामलला की मूर्ति को भी आकार देने का कार्य किया जा रहा है।
राम मंदिर में रामलला का प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम दौर में है। और जनवरी 2024 में रामलला को मूल गर्भगृह में सोने के सिंघासन पर विराजमान हो जाएंगे। जिसको लेकर मुम्बई सहित अन्य स्थानों से स्वर्णकार से संपर्क किया गया है। राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा ने बताया कि गर्भगृह के कार्य पूरा हो गया है। उसमें भगवान के विराजमान कराये जाने वाले स्थल पर सिंघासन बनाए जाने का कार्य किया जाना है जिसकी डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है। बताया कि यह सिंघासन 3 फिट का होगा। जिस पर 10 इंच के कमल दल पर 51 इंच ऊंचे रामलला की दिब्य प्रतिमा विराजमान होगी। और राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे विराजमान रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरण सुशोभित होगी। जिसके लिए मूर्ति निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। अब प्रमुख साधु संतों के द्वारा देखा जाएगा। उसके बाद ही ट्रस्ट मूर्तियों पर निर्णय लेगी।
राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक बुलाई गई है। 7 और 8 अक्टूबर को राम मंदिर के अलग अलग 12 ट्रस्टी बैठक में मौजूद होंगे। यह बैठक इस बार भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम पर होगा। जिसके लिए सभी ट्रस्टियों को एजेंडा जारी कर दिया गया है।