मेरठ में कलेक्ट्रेट में अनशन पर बैठे सपा विधायक अतुल प्रधान का अनशन पांचवें दिन भी जारी रहा। अतुल के अनशन में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए। कहा कि पहली बार ही इस मुद्दे पर आंदोलन हुआ है। टिकैत ने कहा कि कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा है।

राकेश टिकैत ने कहा कि हमने प्रशासन से भी कहा है कि इस मुद्दे को लेकर कमेटी बनाई जाए। इस मुद्दे का समाधान होगा तो गरीब जनता को राहत मिलेगी। टिकैत ने कहा कि डॉक्टर को भगवान कहा जाता है लेकिन, वे इसे व्यापार न बनाए। डॉक्टरों को इतना करना चाहिए कि उनका काम चलता रहे और एक अपना हॉस्पिटल बना लें। लेकिन लूट न मचाएं। उन्होंने कहा कि लोग त्रस्त है।
राकेश टिकैत ने एक हॉस्पिटल का नाम लिए बगैर कहा कि कोरोना काल में उस अस्पताल में 350 लोगों की मौत हुई है। कहा कि नए मरीजों को भर्ती करने के लिए उस अस्पताल में मरीजों की ऑक्सीजन हटाकर उन्हें मारा गया।

उन्होंने कहा कि अभी हालात और खराब होंगे। कहा कि अगर 2024 में भी ये फिर से आ गए तो सोशल मीडिया आदि सभी को बंद करा देंगे। उन्होंने कहा कि इनका दो साल का टारगेट है। दो साल बाद ये देश के सभी लोगों को चिन्हित कराएंगे। टिकैत ने कहा कि इस देश को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि किसान और मजदूर बचाएंगे। कहा कि अतुल आंदोकारी है। ये विधायक भी अपने दम पर बना है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने हमें भी टोका कि उसके अनशन में क्यों जा रहे हों। लेकिन अतुल जहां भी आंदोलन करेगा, हम वहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस देश को राजनीतिक पार्टी और जाति से बचाना है। आखिर में उन्होंने अतुल प्रधान से कहा कि तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।
बताया गया कि जब राकेश टिकैत कलेक्ट्रेट में अतुल प्रधान को समर्थन देने पहुंचे तो समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। किसानों ने जय जवान, जय किसान और बाबा टिकैत अमर के खूब नारे लगाए। वहीं, कलेक्ट्रेट में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है।
कलक्ट्रेट में ही लगातार धरने में शामिल होने वाले लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की गई। वहीं, शुक्रवार सुबह करीब 9:30 बजे पुलिस प्रशासन ने अनशन स्थल से खाने का सामान हटवा दिया। सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी यहां पर रसोई का सारा सामान डीसीएम में भरकर ले गए। जिससे अतुल प्रधान के समर्थकों में आक्रोश फैल गया। इसके बाद  खाद्य पदार्थ मंगाकर फिर से खाना बनाने की तैयारी शुरू की।
सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि यह लड़ाई मेरी नहीं है, हम इस लड़ाई को गरीबों, मजदूरों और किसानों के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अगर मेरे प्राणों की आहूति देकर भी सफल हो जाए तो मैं अपने आप को भाग्यशाली समझूंगा।
न्यूटिमा समेत निजी अस्पतालों के बिल के विरोध में अनशन पर बैठे सरधना विधायक अतुल प्रधान ने सोमवार 11 दिसंबर को अनशन स्थल पर ही पंचायत करने का एलान किया है। साथ ही उन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति का डीएम के नाम शपथ पत्र देकर संपत्ति की किसी भी एजेंसी से जांच कराने को कहा है।
कलेक्ट्रेट में अनशन स्थल पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि 11 दिसंबर की पंचायत में निजी अस्पताल के खिलाफ बड़ा निर्णय लिया जाएगा। पंचायत में सभी विपक्षी दल, किसान संगठन, व्यापार संगठन के अलावा भारी संख्या में किसान, ग्रामीण शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अब जन आंदोलन बनेगा। मैं जनता के हक की लड़ाई लड़ रहा हूं और आखिर दम तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
अतुल प्रधान ने कहा कि वह अपनी हर तरह से जांच करने के लिए तैयार है। उन्होंने जिलाधिकारी के नाम शपथ पत्र देते हुए कहा कि इस शपथ पत्र में मेरी तमाम संपत्ति का विवरण मौजूद है। इसके अलावा यदि कोई मेरी संपत्ति है तो शासन प्रशासन मेरी जांच कर सकता है। किसी भी एजेंसी से जांच करने के लिए प्रशासन स्वतंत्र है। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस शपथ पत्र के अलावा यदि कोई संपत्ति पाई जाती है तो प्रशासन उसे जब्त कर ले या फिर मैं उसे किसी गरीब के नाम कर दूंगा। उन्होंने कहा कि जिन डॉक्टरों के खिलाफ में चार दिन से आमरण अनशन पर हूं, वे डॉक्टर भी ऐसा शपथ पत्र दें, ताकि उनकी भी संपत्ति की जांच की जा सके।
उधर, अतुल प्रधान के अनशन के चौथे दिन उनके समर्थक में अनशन स्थल पर कई लोग पहुंचे। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल, मेरठ कॉलेज कर्मचारी संघ,भारतीय किसान यूनियन चढूनी, यथार्थ के सारथी सोसायटी आदि संगठनों ने समर्थन किया। अनशन स्थल पर हुए धरने को सतेंद्र फौजी, जूही त्यागी, नंद किशोर भट्ट, चहन सिंह बालियान, नितिन बालियान, रालोद खेल प्रकोष्ठ अध्यक्ष दीपक तोमर, रियाज खान, कृष्ण ढाका, शाही अब्बास, विजय राठी, मनीषा अहलावत, दिनेश यादव, अनुज ज्वाला, राजदीप विकल, विपिन चौधरी, आदेश प्रधान, अंकुश चौधरी, प्रताप लोहिया आदि रहे। उधर, अतुल प्रधान का एक प्रतिनिधिमंडल भी डीएम दीपक मीणा से मिला और उनका शपथ पत्र उन्हें दिया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights