केरल में निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। केरल में 30 अगस्त और 11 सितंबर को निपाह वायरस से दो लोगों की मौत हुई है। वहीं वर्तमान में केरल में छह लोग निपाह वायरस से संक्रमित हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। केरल में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं। कन्टेनमेंट जोन बनाए गए हैं।
केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के प्रकोप से बचने के लिए प्रशासन को नौ पंचायतों में कोरोना लॉकडाउन जैसे नियंत्रण क्षेत्र बनाने पड़े हैं। 2018 के बाद से केरल में निपाह वायरस का यह चौथा प्रकोप है, जब राज्य ने पहली बार इस बीमारी की सूचना दी थी। दो मौतों की सूचना के बाद अधिकारी उच्च जोखिम वाले संपर्कों की पहचान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
केरल में निपाह वायरस पर जानें 10 बड़े अपडेट
1. केरल में निपाह वायरस से पहली मौत 30 अगस्त और दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई थी। निपाह वायरस के संक्रमण से मरने वाले दो लोगों के घरों के पांच किलोमीटर के दायरे में निषिद्ध क्षेत्र बनाए गए हैं।
2. पीटीआई के मुताबिक केरल ने परीक्षण के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में 11 और नमूने भेजे थे। हालांकि 11 सैंपल के रिपोर्ट निगेटिव हैं।
3. केरल सरकार ने उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची में शामिल अन्य 15 लोगों के सैंपल भी जांच के लिए पुणे भेजे हैं।
4. स्थिति का जायजा लेने और निपाह वायरस के प्रबंधन में राज्य सरकार की सहायता करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आरएमएल अस्पताल और एनआईएमएचएएनएस के विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम को केरल में तैनात किया गया है।
5. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने निपाह वायरस से निपटने के लिए राज्य के अनुरोध पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दी है।
6. निपाह के इलाज के लिए एंटीवायरल सरकार के पास उपलब्ध एकमात्र विकल्प है, हालांकि ये कितना प्रभावी है, इसका दावा मेडिकल टीम भी नहीं कर सकती है।
7. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने कहा कि एंटीवायरल की स्थिरता पर केंद्रीय विशेषज्ञ समिति के साथ चर्चा की गई है।
8. निपाह वायरस सैंपल के जांच के लिए एक मोबाइल BSL-3 (Biosafety Level-3) प्रयोगशाला को भी ग्राउंड जीरो पर भेजा गया था।
9. केरल सरकार ने उन सभी लोगों के सैंपल लेने का फैसला किया है, जो पहले निपाह वायरस से पीड़ित हो चुके हैं।
10. WHO के मुताबिक निपाह वायरस एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। निपाह खासकर बैट यानि चमगादड़ के जरिए फैलता है। ये सीधे तौर पर मस्तिष्क और श्वसन प्रक्रिया पर हमला करता है।