अब रद्द हो चुके चुनावी बॉण्ड के शीर्ष खरीदार ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ ने इसके माध्यम से तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी DMK को 509 करोड़ रुपयों का दान दिया। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से रविवार को यह जानकारी सामने आई। भाजपा को 2018 में चुनावी बॉण्ड योजना के लागू होने के बाद से इनके (बॉण्ड के) माध्यम से सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई, इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपये), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपये) और बीआरएस (1,322 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।
आंकड़ों के मुताबिक, ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजद को 944.5 करोड़ रुपये मिले। इसके बाद DMK ने 656.5 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने लगभग 442.8 करोड़ रुपये के बॉण्ड भुनाए। जद (एस) को 89.75 करोड़ रुपये के बॉण्ड मिले, जिसमें चुनावी बॉण्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार मेघा इंजीनियरिंग से 50 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
‘लॉटरी किंग’ सेंटियागो मार्टिन का फ्यूचर गेमिंग 1,368 करोड़ रुपयों के साथ चुनावी बॉण्ड का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसमें से लगभग 37 प्रतिशत DMK को गया। DMK के अन्य प्रमुख दानदाताओं में मेघा इंजीनियरिंग 105 करोड़ रुपये, इंडिया सीमेंट्स 14 करोड़ रुपये और सन टीवी 100 करोड़ रुपये शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 1,397 करोड़ रुपये मिले और वह भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता है।
DMK दानदाताओं की पहचान का खुलासा करने वाले कुछ राजनीतिक दलों में से एक है, जबकि भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल और आप जैसे प्रमुख दलों ने निर्वाचन आयोग को इन विवरणों का खुलासा नहीं किया था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉण्ड से जुड़ी जानकारी अब सार्वजनिक कर दी है। तेदेपा ने 181.35 करोड़ रुपये, शिवसेना ने 60.4 करोड़ रुपये, राजद ने 56 करोड़ रुपये, समाजवादी पार्टी ने चुनावी बॉण्ड के जरिए 14.05 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
आंकड़ों में कहा गया कि अकाली दल ने 7.26 करोड़ रुपये, AIADMK ने 6.05 करोड़ रुपये, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 लाख रुपये के बॉण्ड भुनाए। माकपा ने घोषणा की थी कि वह चुनावी बॉण्ड के माध्यम से धन प्राप्त नहीं करेगी, जबकि एआईएमआईएम और बसपा ने कोई रकम प्राप्त नहीं करने की जानकारी दी है।