केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने देश में गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के कल्याण एवं सहायता के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के नाम जानने के लिए पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया।
मंत्री ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाओं और पहलों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) शामिल हैं। पीएमएसएमए गर्भवती महिलाओं को एक निश्चित दिन, हर महीने के नौवें दिन एक विशेषज्ञ/चिकित्सा अधिकारी द्वारा नि:शुल्क सुनिश्चित और गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व जांच प्रदान करती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीएमएमवीवाई महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित एक मातृत्व लाभ प्रोग्राम है। इस योजना का लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक रूप से वंचित और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों की महिलाओं को कवर करना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगे कहा कि सभी गर्भवती महिलाएं जो 1 जनवरी 2017 को या उसके बाद परिवार में पहले बच्चे के लिए गर्भवती हैं, वे कार्यक्रम के तहत लाभ पाने के लिए पात्र हैं।
मनसुख मंडाविया ने कहा कि कुपोषित बच्चों के लिए योजनाओं, पहलों में देश में स्तनपान कवरेज और उचित स्तनपान प्रथाओं में सुधार के लिए मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन (एमएए) और बच्चों (6-59 महीने), बच्चों (5-9 वर्ष), किशोर लड़कियों और लड़कों (10-19 वर्ष), गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और प्रजनन आयु समूह (15-49 वर्ष) की महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को कम करने के लिए एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति शामिल है।