मुजफ्फरनगर कोर्ट ने 3 माह की बच्ची की हत्या किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए उसके पिता को ही दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। 23 साल पहले चकरोड काटने को लेकर दो पक्षों में हुए झगड़े के बाद काफी लोग घायल हो गए थे। इस झगड़े के बाद क्रास केस बनाने के लिए पिता ने मासूम बच्ची की हत्या कर दी थी।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार नागर ने बताया कि गांव नाला जनपद शामली निवासी प्रकाश चंद ने आरोप लगाया था कि उसके खेत पर जाने वाले रास्ते की चकरोड को दूसरे पक्ष के किसान काट रहे हैं। इस मामले में तहसीलदार के आदेश के बाद भी 22 सितंबर 2000 को खेत पर दोनों पक्ष के लोगों के बीच झगड़ा हो गया था।

प्रकाश चंद ने आरोप लगाया था कि गांव के राजवीर, प्रदीप, योगेंद्र, ओमवीर और राजवीरी और गीता ने लाठी-डंडों से उनके परिवार वालों पर हमला बोल दिया। इसमें परिवार के कई लोग घायल हुए। जबकि दूसरे पक्ष की ओर से राजवीर ने मुकदमा दर्ज कराते हुए प्रकाश चंद के परिवार के उपेंद्र, प्रवीण और मुकेश पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए ओमवीर की 3 माह की बेटी की गोली मारकर हत्या करने का भी आरोप लगाया था।

एडीजीसी बिरेंद्र कुमार नागर ने बताया कि पुलिस ने दोनों मुकदमें दर्ज कर जांच की थी और चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी थी। उन्होंने बताया कि घटना का मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 14 की जज रीमा मल्होत्रा ने सुना। बताया कि सुनवाई के दौरान पाया गया कि क्रॉस केस बनाने के लिए गांव नाला निवासी ओमवीर ने अपनी 3 माह 2 दिन की बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी थी और विपक्ष के तीन लोगों को आरोपित बनाया था।

कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद बच्चे की हत्या के मामले में उसके पिता ओमवीर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। ओमवीर पर 30 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। जबकि राजवीर, प्रदीप, योगेंद्र, राजवीरी और गीता को मारपीट का दोषी मानते हुए एक साल कैद की सजा सुनाई। दूसरे मुकदमे में उपेंद्र प्रवीण और मुकेश को भी 1-1 साल कैद की सजा सुनाई गई।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights