कोका कोला के आप भी हैं शौकीन तो हो जाएं सावधान। कोका-कोला पीने से कैंसर का खतरा है। विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) ने इस बात की पुष्टि की है। डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि कोका-कोला समेत अन्य पेय और फूड आइटम्स को मीठा करने वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम से कैंसर होने का जोखिम है।

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एस्पार्टेम का उपयोग दशकों से कोक में किया जाता है। इसका सेवन कई देशों में व्यापक तौर पर किया जाता है। नई रिसर्च के बाद यह अमेरिका में नए सिरे से जांच के दायरे में आ गया है। एस्पार्टेम का उपयोग चीनी के विकल्प के रूप में किया जाता है। जो केक समेत कई फूड आइटम्स को मीठा कर देता है। यह आर्टिफिशियल स्वीटनर है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अगले महीने संभावित कैंसरजन की घोषणा करने के लिए भी तैयार है। इस स्वीटनर को उस लिस्ट में डाल दिया जाएगा जिससे कैंसर होने का खतरा है।

बता दें कि एस्पार्टेम का उपयोग कोका-कोला से लेकर मार्स एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ स्नैपल पेय जैसे उत्पादों में किया जाता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 1981 में मानव उपभोग के लिए एस्पार्टेम को मंजूरी दी थी, लेकिन तब से पांच बार समीक्षा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सहित 90 से अधिक देशों ने इसके उपयोग को मंजूरी दे दी है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम में कैलोरी की मात्रा नहीं होती है, लेकिन टेबल शुगर की तुलना में यह लगभग 200 गुना अधिक मीठा होता है। एफएसएसएआई ने यह अनिवार्य किया है कि एस्पार्टेम युक्त उत्पादों में स्वीटनर का नाम स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए।

कृत्रिम स्वीटनर के बढ़ते उपयोग ने दुनिया भर में चिंता पैदा कर दी है। इस बीच WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) जुलाई में एक बैठक आयोजित करेगी जहां पहली बार एस्पार्टेम को उस लिस्ट में शामिल करेगी, जिससे कैंसर का खतरा होता है।

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