सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत के बाद भाजपा अपनी चुनावी रणनीति बदलने पर मजबूर हो गई है।
माना जा रहा है कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद भाजपा नए सिरे ने चुनावी रणनीति बनाने पर विचार करने लगी है। शायद यही वजह है कि उच्चतम न्यायालय का आदेश आने के बाद भाजपा नेता काफी देर तक मीडिया में टिप्पणी करने बचते रहे।
सूत्रों की माने तो दिल्ली के भाजपा नेता काफी देर शीर्ष नेतृत्व की लाइन का इंतजार करते रहे। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि केजरीवाल के बाहर आने से दिल्ली की चुनावी राजनीति प्रभावित होगी।
भाजपा में चुनावी रणनीति को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही नई रणनीति की घोषणा करेगी। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य के नेताओं से कहा है कि वह न्यायालय पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बचें।
सत्तारूढ़ आप और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर फोकस करें। केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर जैसे ही उच्चतम न्यायालय का निर्णय आया, भाजपा नेता सकते में आ गए। प्रदेश भाजपा कार्यालय खाली-खाली दिखा।
हालांकि थोड़ी देर बाद ही प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा प्रदेश कार्यालय पहुंचे और उन्होंने मीडिया में बयान देकर कहा कि पैरोल पर अपराधी आ सकते हैं। दिल्ली में अभी तक सभी सातों सीटों पर भाजपा पलड़ा भारी माना जा रहा था, लेकिन अब स्थिति बदल सकती है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति को जो लोग समझते हैं, उनका मानना है कि दिल्ली की चुनावी राजनीति करवट ले सकती है। ऐसे में भाजपा को अपनी मौजूदा चुनावी रणनीति बदलनी होगी।
सूत्रों का कहना है कि आज की रात भाजपा के लिए महत्वपूर्ण होगी। पार्टी ने आज ही चुनावी रणनीति नहीं बदली, तो दिल्ली में नुकसान उठाना पड़ सकता है। उनका कहना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जल्द ही प्रदेश के नेताओं को नई लाइन दे देगा।
दबी जुबान में दिल्ली के नेता भी मानते हैं कि केजरीवाल के चुनाव प्रचार में उतरने से भाजपा उम्मीदवार असहज हो सकते हैं। हालांकि दिल्ली के भाजपा नेता अभी भी कह रहे हैं कि दिल्ली की सातों सीटों के नतीजे उनके पक्ष में आएंगे।