अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित राम दरबार शनिवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

मंदिर न्यास द्वारा शुक्रवार देर शाम को इस संबंध में निर्णय लिए जाने के बाद शनिवार से राम मंदिर में आने वाले भक्त राम दरबार में प्रवेश कर सकेंगे।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि चूंकि फैसला देर शाम को लिया गया था इसलिए शनिवार को दर्शन के लिए केवल दो पाली- शाम पांच से सात बजे और शाम सात से नौ बजे तक के लिए सीमित संख्या में पास की व्यवस्था की गई है।

मिश्रा ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने भक्तों को दरबार में जाने की अनुमति दी। उन्होंने बताया कि राम लला के दर्शन के लिए दिए जाने वाले पास की तरह, राम दरबार में जाने के इच्छुक लोगों के लिए भी पास उपलब्ध कराए जाएंगे।

भगवान राम के शाही स्वरूप राम दरबार और राम जन्मभूमि परिसर के अंदर आठ नवनिर्मित मंदिरों में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को हुई।

अनिल मिश्रा ने कहा कि राम लला के दर्शन की व्यवस्था की तरह ही राम दरबार के लिए भी प्रत्येक पाली सुबह सात से नौ बजे, नौ से 11 बजे, दोपहर एक से तीन बजे, तीन से पांच बजे, पांच से सात बजे और सात से नौ बजे तक के लिए 300 पास उपलब्ध होंगे।

जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट दोनों को 150-150 पास दिए गए हैं। इनमें से 100 पास विशेष दर्शन के लिए हैं और 50 सुगम दर्शन के लिए हैं।

भगवान राम की प्रतिमा के साथ-साथ राम दरबार में सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की प्रतिमाएं भी हैं।

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार जिन देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं उनमें उत्तर-पूर्व कोने में भगवान शिव, दक्षिण-पूर्व कोने में भगवान गणेश, दक्षिणी विंग में भगवान हनुमान, दक्षिण-पश्चिम कोने में सूर्य, उत्तर-पश्चिम कोने में भगवती और उत्तरी विंग में अन्नपूर्णा की प्रतिमाएं शामिल हैं।

पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर 360 फुट लंबा, 235 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है। 2.77 एकड़ में फैले तीन मंजिला मंदिर में 392 नक्काशीदार स्तंभ, 44 दरवाजे और हिंदू देवताओं की आकृतियां उकेरी गई हैं।

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