आगरा नगरी में ताजमहल के पास अवैध तरीके से निर्माण कराने का मामला सामने आया है। ताजमहल के आसपास सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाद भी अवैध निर्माण थम नही रहा हैं। इस निर्माण के चलते लगातार ऐतिहासिक इमारतें अपनी खूबशूरती खोती जा रही हैं। एएसआई ने इन अवैध निर्माणों पर एफआईआर करके अपना पल्ला झाड़ तो लेती हैं, लेकिन आवास विकास प्राधिकरण अभी तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है।
भारतीय पुरातत्व विभाग के रिकार्ड के अनुसार साल 2015 से 2022 तक ताजमहल के 300 मीटर के दायरे में कुल 250 के करीब अवैध निर्माण हुए हैं। यह वो चिन्हित अवैध निर्माण हैं, जिन पर विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा बड़ी संख्या में निर्माण गुपचुप तरीके से हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी अवैध निर्माण पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आलम यह है की 11 जनवरी 2018 को ताजमहल के सहायक अधीक्षक ने पूर्वी गेट के पास निरंजन लाल के खिलाफ की गई शिकायत पर मुकदमा दर्ज होने के बाद 29 अक्तूबर 2022 को आगरा विकास प्राधिकरण ने अनुमति के दस्तावेज दिखाने का नोटिस दिया है।
ताजमहल और उसके आसपास 500 मीटर का दायरा सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की निगरानी में रहता है। यहां बिना अनुमति दीवार में कील ठोकने पर भी पाबंदी है। नया निर्माण नहीं कराया जा सकता है और टूट-फूट होने पर सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से ही मरम्मत का काम कराया जा सकता है।
इसी कारण थाना ताजगंज में प्रभारी के कार्यालय में टीन शेड लगाकर निर्माण कार्य चला रहा है। एएसआई की मिली भगत के चलते ताजमहल के आसपास अवैध निर्माण का कार्य जोरों पर जारी है। जिसपर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है।