यूपी विधानसभा और विधान परिषद में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच पर सु्प्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के फैसले को स्थगित कर दिया।यूपी विधानसभा और विधान परिषद सचिवालय में 2022 और 2023 में भर्तियां हुई थीं। इन भर्तियों को लेकर आरोप लगे थे कि इनमें बड़े पैमाने पर धांधली भी हुई है। इसमें नियमों को ताकपर रखकर बाहरी एजेंसियों को भर्ती में शामिल करने का आरोप लगा था। मामले में पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई से जांच का आदेश दिया था। आदेश मिलने के बाद सीबीआई ने भर्ती फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी। अब सीबीआई जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामले की सुनवाई करने की बात कही है।
भर्तियों की जांच करने के लिए सीबीआई ने 22 सितंबर को पीई दर्ज की थी। शुरुआत की जांच दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम ने दो दिन पहले विधान परिषद सचिवालय के अधिकारियों से नौकरी पानेवालों की सूची और भर्तियों के रिजल्ट की फोटोकॉपी हासिल की। उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया से जुड़े कागज भी जुटाए। सीबीआई की टीम अधिकारियों की तरफ से आनाकानी करने के बाद विधान परिषद सचिवालय पहुंची थी।
चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज, परीक्षा की ओएमआर शीट, परीक्षा कराने वाली एजेंसी की चयन प्रक्रिया, शासनादेश, भर्ती का विज्ञापन समेत कई बिंदुओं पर जानकारी जुटाई गई। सीबीआई की सक्रियता के बाद खलबली मची हुई थी। माना जा रहा था कि सीबीआई की टीम जल्द विधानसभा सचिवालय भी दस्तक दे सकती है।