उत्तर प्रदेश में भारतयी जनता पार्टी महासंपर्क अभियान के जरिए लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी थी। इस अभियान में सभी सांसदों को टास्क पकड़ाया गया था लेकिन अभियान से जुड़े सांगठनिक लोगों का दावा है कि करीब एक दर्जन सांसद पार्टी की मंशा के अनुरूप इस अभियान को चलाने में असफल रहे हैं।
बीजेपी सूत्रों की माने तो ऐसे सांसदों से बीजेपी संगठन ने रिपोर्ट मांगी है जो मानक के अनुसार महासंपर्क अभियान में भीड़ नहीं जुटा पाए। सूत्रों के मुताबिक जिलों में हो रहे कार्यक्रमों में दस हजार की भीड़ लाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कई जिले ऐसे हैं जहां के सांसद इसमें फेल साबित हो गए।
बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि महासंपर्क अभियान के दौरान जिलों से मिल रहे फीडबैक के हिसाब से कई जिलों में सांसद नाकाम साबित हुए हैं। इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व और खासतौर से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काफी नाराजगी जताई और उन सांसदों को अपनी नाकामी दूर करने का एक और मौका मिलेगा। अब इनको नया टास्क पकड़ाया जाएगा।
संगठन के सूत्रों के अनुसार महासंपर्क अभियान में फिसड्डी साबित हुए सांसदों को अब दोबारा अपने जिले में कार्यक्रम कराने होंगे और भीड़ लानी होगी। इसके लिए महासम्पर्क अभियान का समय भी बढ़ाया गया है। अब यह अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान के समाप्त होने के बाद सांसदों के कामकाज का लेखा जोखा तैयार किया जाएगा और इसको केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद अब बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूपी में बीजेपी को जीत का स्वाद चखाने वाले तत्कालीन संगठन मंत्री और अब राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल की एक बार फिर यूपी की जिम्मेदारी सौंपी थी।
बीजेपी ने बंसल को केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के तहत बीजेपी के शासन के नौ साल पूरे होने के एक महीने लंबे अभियान के महत्वाकांक्षी ‘महासंपर्क अभियान’ के लिए पार्टी के यूपी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया था। इस अभियान को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले चुनावी तैयारियों को और तेज करने के तौर पर लिया गया था।
यह दूसरी बार है जब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बंसल को यूपी में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। इससे पहले बंसल को 16 लोकसभा सीटों पर संगठनात्मक मामलों की देखरेख के लिए भाजपा का प्रभारी बनाया गया था जो पार्टी 2019 के राष्ट्रीय आम चुनावों में हार गई थी।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी के मुताबिक इस अभियान में कुछ कमियां रह गईं थीं जिसको दूर करने के लिए इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है।