अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पत्रकार विमल यादव की हत्या के मामले में बिहार पुलिस ने 8 लोगों को आरोपी बनाया है। इस मामले में चार आरोपी विपिन यादव, भावेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो आरोपी रूपेश यादव और क्रांति यादव अररिया जेल में बंद हैं और पुलिस उन्हें रिमांड पर लेने की करवाई कर रही है। दो आरोपी अभी भी फरारा हैं।

मृतक पत्रकार के पिता की तरफ से दायर की गई शिकायत पर बिहार पुलिस ने कारवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या के बाद से ही नीतीश सरकार पर आरोपों का दौर जारी है। मामले के सामने आने के साथ ही विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई है।

पत्रकार की हत्या को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार सियासी हमला बोला है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पत्रकार की हत्या पर दुख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। बिहार में बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए जोरदार तंज कसा।

उन्होंने कहा कि बिहार में थानेदार और पत्रकार मारे जा रहे हैं और मुख्यमंत्री को यहां का अपराध दिखाई ही नहीं दे रहा। उन्होंने बताया कि मृतक विमल कुमार यादव अपने छोटे भाई सरपंच की हत्या में गवाह भी थे, जिसे पुलिस सुरक्षा देने में विफल रही।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आराम से मुंबई और दिल्ली घूम रहे हैं और उन्हें बिहार में अपराध दिखता ही नहीं है। उन्होंने कहा एक चश्मा नीतीश कुमार को देना होगा, जिससे उन्हें बिहार का अपराध दिखे। बिहार में पुलिस वाले मारे जा रहे हैं, पत्रकार की हत्या हो रही है, गौ तस्कर जागृत हो गए हैं, बालू माफिया और शराब माफिया बेखौफ हो गए हैं तथा राज्य में गुंडों का राज स्थापित हो गया है।

चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में अपराधियों ने अपनी जड़ों को मजबूत कर लिया है। महागठबंधन सरकार खुद को असहाय महसूस कर रही है। अपराधियों को कई जगहों पर सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

चिराग ने कहा कि आम बिहारियों के साथ-साथ अब पुलिस अधिकारी भी अपराधियों की गोली का शिकार हो रहे हैं। हमारी रक्षा करने वालों की हत्या कर दी जा रही है। इतना सब होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप हैं। पुलिस के जवानों का मनोबल गिर जाता है।

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