बतादें कि अपर सत्र न्यायाधीश हनी गोयल ने पत्नी की हत्या का दोषी पाते हुए अकरम को आजीवन कारावास के साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता क्षितिज अग्रवाल के अनुसार, इफ्तिखार अहमद निवासी चांदपुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी तहेरी बहन आसमा की शादी सिंभावली में अकरम के साथ हुई थी। यह लोग वहां से आकर चांदपुर में उसके ताऊ के घर अपने बेटे नूर मोहम्मद के साथ रहने लगे। बाद में वहां से उसके भाई अतीक के घर में रहने लगे। अतीक का राजस्थान में कारोबार है और वह दिल्ली में रहता है।
आरोप है कि अकरम उसकी बहन आसमा से मारपीट करता था। जिससे वह बीमार रहने लगी थी। 19 मई 2017 को अकरम ने सल्फास की तीन गोलियां अपनी पत्नी को खिला दी। जिससे उसे उल्टी आई और उसकी मौत हो गई। कोर्ट में इस मामले में अकरम के लड़के नूर मोहम्मद ने अपने पिता के खिलाफ गवाही दी। उसने बताया कि उसकी माता की हत्या उसके पिता अकरम ने की है। कोर्ट ने इस मामले में अकरम को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।

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