पिछले कई दिनों से तेलंगाना में हो रही लगातार बारिश की वजह से 10 जिलों में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई हुई है। बाढ़ से अभी तक प्रदेश में 16 लोगों की जान जा चुकी है। तो वहीं, 10 जिलों में 19 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच गोदावरी नदी भी अपने पूरे उफान पर है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गोदावरी नदी तेलंगाना के भद्राचलम में अपने पूरे उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। भद्राचलम के पास शनिवार को नदी का जलस्तर 54.30 फीट दर्ज किया गया। नदी के आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, जिसको देखते हुए सभी जिला अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं।
इस बीच खबर यह भी आ रही है कि वारंगल में भद्रकाली बांध में दरार आ गई है। बांध में दरार आने के बाद इसे भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। तो वहीं, कई जगह राहत शिविर लगाए गए हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और पुनर्वास कार्य तेज कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बारिश और बाढ़ से सबसे अधिक भूपलपल्ली जिला प्रभावित हुआ है।
इतना ही नहीं, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ को आपस में जोड़ने वाले राजमार्ग पर बाढ़ का पानी भर जाने के कारण दोनों राज्यों के बीच वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। तो वहीं, तेलंगाना के भद्राचलम में गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी के आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
इस खतरे को देखते हुए आंध्र प्रदेश की सरकार लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा रही है। सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। सीएम रेड्डी ने जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और संवेदनशील क्षेत्रों में राहत व बचाव उपायों की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने अंबेडकर कोनसीमा, अल्लूरी सीतारमाराजू, एलुरु, पूर्व और पश्चिम गोदावरी जिलों के कलेक्टरों अलर्ट रहने के लिए कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से धौलेश्वरम बैराज में जलस्तर मौजूदा 13 लाख क्यूसेक से बढ़कर 16 लाख क्यूसेक हो जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में खलबली मची हुई है। इस बीच भद्राद्री कोत्तगुडेम जिले के कलेक्टर का कहना है कि नदी का जलस्तर 60 फीट तक पहुंच सकता है। मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में खर्चे की परवाह न करें और मानवीय आधार पर पीड़ितों की मदद करें।
उन्होंने बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी कलेक्टरों को आदेश दिया है कि निचले इलाकों में रह रहे लोगों को तत्काल सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया जाए। राहत शिविरों में सुविधाएं उत्कृष्ट होनी चाहिए और बाढ़ कम होने पर घर वापस भेजते समय बाढ़ से प्रभावित हर परिवार को 2000 रुपए और हर व्यक्ति को 1000 रु दिए जाएं।