बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं जोर पकड़ रही है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस सपा- बसपा अगर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ती है। तो राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। यही नहीं पार्टियों को नए सिरे से टिकट का बंटवारा भी करना पड़ सकता है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती किसी भी दल से गठबंधन करने से इनकार कह रही हैं। उनका ऐलान है कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगे। लेकिन इन्हीं ऐलानों के बीच एकाएक चर्चाओं का बाजार गर्म है। राजनीतिक इलाके में बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लोग प्रयास लग रहे हैं। हालांकि पार्टी की तरफ से इस तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बीजेपी ने अधिकतर सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब बीएसपी के प्रत्याशियों के घोषणा का इंतजार है। बसपा अकेले चुनाव लड़ती है। तो कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। वहीं अगर बसपा इंडिया गठबंधन के साथ खड़ी होती है। तो समीकरण बदल सकते हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि बसपा- सपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं किया है। वर्ष 2019 के चुनाव में श्रावस्ती लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा मोदी लहर में भी चुनाव जीत गए। राजनीतिक जानकार इसे जातीय समीकरण के साथ दलित और मुस्लिम वोटो का एकजुट होना मान रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया को दिए गए बयान उन्होंने बसपा से किसी भी तरह का गठबंधन करने से इनकार कर दिया। बहुजन समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि उनके प्रत्याशी बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाले होते हैं। उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक चुनाव की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में अब समय नहीं बचा है। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगली बार सोचा जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के साथ गठबंधन करने की घोषणा किया है। फिलहाल अभी सीटों का बटवारा नहीं हुआ है। जल्द ही सीटों के बंटवारा होने की संभावना है।