फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ताओं ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया था। जिसके चलते उन्होंने अदालतों में कामकाज नहीं किया। अदालत अब जयाप्रदा के मामलों में 10 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दोनों मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय के हैं। इनमें एक मामला स्वार क्षेत्र का है। स्वार कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता के बावजूद नूरपुर गांव में सड़क के उद्घाटन का आरोप है। दूसरा मामला केमरी थाने का है। इसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
न्यायालय के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ने उनकी तलाश में टीम गठित की थी। टीम ने दिल्ली, मुंबई आदि संभावित ठिकानों पर छापा मारा था। लेकिन जयाप्रदा हाथ नही लग सकी थीं। इसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। 27 फरवरी को न्यायालय ने उनके विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 82 (फरारी की उद्घोषणा) का नोटिस जारी किया था। साथ ही एसपी को उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे।
इस पर चार मार्च को जयाप्रदा न्यायालय पहुंची थीं। उन्होंने वारंट वापसी का प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें कहा था कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वह न्यायालय में नहीं आ पा रही थीं। न्यायालय ने उनके वारंट वापस कर दिए थे। इसके बाद मुकदमों में सुनवाई शुरू हो सकी। स्वार मामले में जयाप्रदा के न्यायालय में धारा 313 के अंतर्गत बयान दर्ज हो चुके हैं। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि दोनों मामलों में अब 10 अप्रैल को सुनवाई होगी।