खालिस्तान की मांग करने वाले जिस अमृतपाल सिंह की पंजाब पुलिस तलाश कर रही है, उसने अब फेसबुक लाइव किया है। अमृतपाल सिंह ने फेसबुक लाइव पर कहा है कि ये सिर्फ मेरी गिरफ्तारी का ही मामला नहीं है। अमृतपाल सिंह ने इस दौरान सिखों को उकसाते हुए कहा कि मैं देश और विदेश में मौजूद सिख संगत से अपील करता हूं कि वे आगे आएं। यदि आज हम सामने नहीं आए तो फिर पंजाब के भविष्य को बचाना मुश्किल होगा। अमृतपाल सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा सिर्फ मेरी गिरफ्तारी की होती तो अब तक हो जाती। लेकिन उसका रवैया कुछ और है। इसीलिए उसने हजारों पुलिस वालों की तैनाती कर रखी है।
अमृतपाल सिंह ने कहा कि इस सरकार ने निर्दोष लोगों को जेल में बंद किया है। महिलाओं और बच्चों को भी यह सरकार बख्श नहीं रही है। अमृतपाल सिंह ने कहा कि मैं संगत का धन्यवाद देता हूं, जो मेरे समर्थन में सामने आए हैं। खालिस्तान समर्थक ने कहा कि यह मसला सिर्फ मेरी गिरफ्तारी का नहीं है बल्कि सिख कौम का है। मुझे गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है, लेकिन मैं तो सिख कौम के लिए लड़ रहा हूं। इस दौरान अमृतपाल सिंह ने कहा कि सिख समुदाय के नेताओं को सामने आना चाहिए और इस मसले पर कड़ा स्टैंड लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी कौम छोटे-छोटे मसलों में उलझ रही है। यदि हमें आगे बढ़ना है तो फिर लड़ना होगा।
खालिस्तानी नेता ने अपने साथियों पर एनएसए लगाने का भी विरोध किया। उसने कहा कि मेरे साथियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाकर असम भेजा गया है। हमारे ऊपर जुल्म किए जा रहे हैं। अमृतपाल सिंह ने कहा कि इस ज्यादती के खिलाफ सिख जत्थेदारों को आगे आना चाहिए। यही नहीं सरकार की कार्रवाई का उसने अफगान हमलावर अहमद शाह अब्दाली के हमलों से भी तुलना की। उसने कहा कि यह उसी तरह का हमला सिख कौम पर है, जिसके खिलाफ हमें एकजुट होना होगा।
अमृतपाल सिंह ने सिख धर्मगुरुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों को इस जोर-जुल्म के खिलाफ आगे आना होगा। अमृतपाल ने कहा कि आज यदि इस जुल्म के खिलाफ हम खड़े नहीं हुए तो फिर हमारी पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। खालिस्तानी अमृतपाल ने भगवंत मान सरकार के ऐक्शन की तुलना बेअंत सिंह सरकार से की, जिसने एक दौर में खालिस्तान पर कंट्रोल की कोशिश की थी। बता दें कि बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी, जो प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री थे।