कन्नौज के छिबरामऊ में पुलिस पर हमले का आरोपी और हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ यादव पर प्रशासन ठोस कदम उठाने की तैयारी में है। सिपाही सचिन की शहादत के बाद हिस्ट्रीशीटर पुलिस और प्रशासन के निशाने पर है। इस मामले की हर पहलुओं पर जांच हो रही है। जिसके चलते फोरेंसिक और राजस्व विभाग की टीम ने बुधवार को गांव पहुंचकर सुबूत एकत्र किए हैं।

नायब तहसीलदार भरत कुमार मौर्य, राजस्व निरीक्षक रामेंद्र सिंह, लेखपाल राजदीप सक्सेना, गजेंद्र सिंह, मनीष तिवारी, प्रीतम सिंह यादव व राजेश यादव को लेकर धरनीधरपुर नगरिया गांव पहुंच गए। टीम ने हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव के घर से आधे किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में स्थित पुलिया से पैमाइश की शुरूआत की। घर के सामने स्थित खेतों के अलावा उत्तर दिशा में भी पैमाइश की। लगभग दो घंटे तक चली पैमाइश के बाद टीम ने हिस्ट्रीशीटर के घर के सामने निशान लगा दिए। सामने की तरफ से देखने पर एक निशान के ऊपर 61 लिखा हुआ था। हालांकि टीम पैमाइश पूरी करने के बाद अपनी रिपोर्ट को एसडीएम को सौंपने की बात कहते हुए यहां से चली गई।

हिस्ट्रीशीटर, उसकी पत्नी व बेटे की फायरिंग से सिपाही की मौत के बाद बिजली विभाग भी हरकत में आ गया। मुख्य सड़क से हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव का घर 100 मीटर की दूरी पर है। मुनुआ के घर के बाहर खंभा गाढ़कर उसे बिजली का कनेक्शन दिया गया। गौर करने वाली बात यह है कि इस बिजली के खंभे से केवल एकमात्र कनेक्शन हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव को दिया गया है। अब बिजली विभाग ने मुख्य मार्ग से इस खंभे के कनेक्शन को काट दिया है।

हिस्ट्रीशीटर के घर में कई रोशनदान थे। जिससे वह चारों तरफ निगरानी कर सकता था। बाहर से देखने में तो यह रोशनदान खुले मालूम पड़ते हैं, लेकिन अंदर से इसमें लोहे की छोटी-छोटी खिड़कियां लगी हुई हैं। सीसीटीवी कैमरे के अलावा इन खिड़कियों से हिस्ट्रीशीटर पुलिस की गतिविधियों को देख रहा था। हिस्ट्रीशीटर मुनुआ ने गांव के बाहर आशियाना अपने साढ़े तीन बीघे खेत में बनाया है। घर की छत पर हाईमास्क लाइटें लगाईं गईं थीं और चारों तरफ सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती थी।

 

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