24 जनवरी 2023 को निवाडी के निवासी रजा कादरी और उनकी दादी सऊदी अरब उमरा (धार्मिक यात्रा) करने गए थे। यहां यात्रा के दौरान रजा कादरी ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर काबा के सामने भारतीय झण्डा फहराते हुए वीजा एजेंट से फोटो खिंचवाई। कांग्रेस पार्टी से जुड़े होने के चलते रजा कादरी ने ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का पोस्टर लेकर भी फोटो निकलवाईं। ये तस्वीरें उन्होंने अपने फेसबुक से लेकर ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट कर दीं।
रजा कादरी ने बताया कि विरोधियों ने उनकी यही तस्वीर सऊदी पुलिस को भेजकर कह दिया कि यह व्यक्ति भारत में रॉ का एजेंट है और यहां संदिग्ध गतिविधियों के साथ ही राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देने आया है। सऊदी पुलिस को रजा के रॉ-ऐजेण्ट होने की जानकारी हुई तो वह सक्रिय हो गई और रजा कादरी को उनके होटल से ही गिरफ्तार कर लिया गया। यहां उनका पासपोर्ट ट्रैवल एजेंट के पास होने के चलते वह अपनी बेगुनाही भी सिद्ध नहीं कर सके। इसके बाद पुलिस ने उन्हें भारतीय जासूस होने के शक में जेद्दाह की जेल मैं बन्द कर दिया। यहां रजा कादरी के परिजनों ने झांसी में एजेंट से संपर्क कर बेटे की जानकारी लेना चाही, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी।
यहां कांग्रेसी नेता प्रदीप जैन आदित्य और सुप्रीम कोर्ट में वकील उनके बेटे गौरव जैन को यह जानकारी हुई तो उन्होंने रजा की रिहाई के लिए प्रयास तेज कर दिए। प्रदीप जैन की पहल पर पूर्व केन्द्रीय मन्त्री शशि थरूर ने सऊदी में अपने जानने वालों से सम्पर्क कर कानूनी कार्यवाही की तब जाकर रजा की रिहाई सम्भव हो पाई। रजा कादरी बीती 3 अक्टूबर को भारत लौट आए हैं, लेकिन सऊदी की जेल में मिली यातनाओं से आज भी सिहर उठते हैं।
रजा कादरी ने जानकारी देते हुए बताया है कि 26 जनवरी को फोटो अपलोड करने के बाद जब वह अपने होटल में थे, तभी सुबह के 4 बजे एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला कि वह सऊदी में मिलने वाली सेवाओं को लेकर उनका इंटरव्यू करना चाहता है। जब रजा ने सुबह आने की बात कही तो वह जिद करने लगा और होटल के लाउंज में चलकर कैमरा पर बात करने को कहा रजा ने बताया कि जब वह नीचे लाउंज में पहुंचा तो वहां पहले से मौजूद 4 लोगों ने उसे पकड़ लिया और बिना कुछ बताए वहां से थाने ले गए। रजा का कहना था कि पुलिस ने उसे रॉ और सियासी एजेंट बताकर ‘ढाहबान’ की सेंट्रल जेल में कैद कर दिया था।
रजा कादरी के अनुसार, जेल में उनको यातनाएं दी गयी। खाने में सिर्फ दो ब्रेड के टुकड़े ही सुबह-शाम को दिए जाते थे। पहले दो माह तक एक अंधेरे कमरे में कैद रखा गया और सऊदी पुलिस कड़ाई से पूछताछ किया करती थी। रात भर जगा कर ‘लाइ डिटेक्टर टेस्ट’ में सवाल-जवाब करती थी। इस दौरान उन्हें नशे की दवाएं पिलाई जाती थीं और सोने भी नहीं दिया जाता था।
कई माह से जेल में रहते हुए अपना दिमागी संतुलन खोते जा रहे रजा कादरी ने बताया कि एक दिन सेंट्रल जेल का जेलर उसकी काउंसिलिंग के लिए उसे मनोचिकित्सक के पास ले गया। डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद पुलिस से कहा कि यदि कुछ और दिन कैदी अकेला रहा तो पागल हो जाएगा। इसके बाद जेलर ने ही अपने मोबाइल फोन से परिजनों से उनकी बात कराई।
रजा कादरी को डॉक्टर के कहने पर जब काल कोठरी से निकालकर दूसरे कैदियों के साथ रखा गया तो उनका जीवन और नर्क बन गया। उन्होंने बताया कि सेंट्रल जेल में उन्हें बहुत ही खूंखार कैदियों के साथ रखा गया, जो गंभीर अपराध के मामलों में जेल में बंद थे।