बिहार के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और इंडी के लोग अस्थिर गठबंधन के अस्थिर चित्त के नेता हैं, जो मूड के हिसाब से किरदार बदलते हैं।
‘जब तक इनके परिवार का शासन रहा तब तक…’
सिन्हा ने शनिवार को कहा कि राहुल और इंडी के लोग अस्थिर गठबंधन के अस्थिर चित्त के नेता हैं, जो मूड के हिसाब से किरदार बदलते हैं और उसी किरदार के अनुरूप निर्णय लेते हैं। जब उत्तर भारत में चुनाव होता है तो दक्षिण भारत घूमते हैं, जब दक्षिण भारत में चुनाव होता है उत्तरपूर्व की यात्रा पर निकलते हैं। अभी दिल्ली में चुनाव है तो बिहार घूम रहे हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में इनके सहयोगी विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन के वजूद से इनकार करते और राहुल कार्यकर्ताओं से इंडी गठबंधन को जिताने की अपील करते हैं। सिन्हा ने कहा कि आज ये हाथ में संविधान लहरा कर संविधान की दुहाई देते हैं, लेकिन देश की जनता को याद है कि इनके पूर्वजों और इनके परिवार ने हमारे संविधान निर्माता पूजनीय बाबासाहेब अंबेडकर के साथ क्या बर्ताव किया था। पहले उनको चुनाव लड़ने नहीं देना चाहते थे, जब निर्दलीय चुनाव जीत कर आए तो उनके निर्वाचन क्षेत्र के बड़े हिस्से को पाकिस्तान को सुपुर्द कर दिया। बाद में उन्हें इतना हतोत्साहित किया गया कि उन्हें अंतत: मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा। जब तक इनके परिवार का शासन रहा बाबासाहेब को सम्मान देना भी उचित नहीं समझा। न संसद में उनकी तस्वीर लगाई और न ही भारतरत्न दिया। बाबासाहेब को यह सम्मान भी भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की पहल पर मिला।
‘राहुल और उनका परिवार हमेशा सामाजिक न्याय का विरोधी रहा’
उप मुख्यंमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही बाबासाहेब से जुड़े स्थानों को ‘पंच तीर्थ ‘ के रूप में विकसित किया गया है। राहुल और उनका परिवार हमेशा सामाजिक न्याय का विरोधी रहा है। इन्होंने मंडल आयोग को रिपोर्ट को दबा कर रखा। पिछड़ा अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण से वंचित रखा ।पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया। ये सारे काम भाजपा और भाजपा से जुड़े गठबंधन के दौर में हुए। ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि हमारा गठबंधन हमेशा नेता और नीति पर आधारित‘नेचुरल गठबंधन’रहा है
‘बिहार में कांग्रेस खुद मिट्टी में मिल गई’
सिन्हा ने कहा आज कि राहुल को बिहार की सुध आई है। यहां की शिक्षा व्यवस्था और श्रम संसाधनों की चिंता हो रही है, जबकि करीब 50 साल कांग्रेस और उनके समर्थित गठबंधन की यहां सरकार रही है, तब तो इन्होंने लालू प्रसाद जैसे भ्रष्टाचार के पुरोधा को गोद में बिठाना जायज समझा। बिहार में कांग्रेस खुद मिट्टी में मिल गई लेकिन भ्रष्टाचार के अग्रदूतों का दामन आज तक नहीं छोड़ पाई। इसलिए आगमी विधानसभा चुनाव में राहुल और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के रिपोटर्काडर् में एक और असफलता दर्ज होने जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)को फिर से प्रचंड जनादेश मिलने जा रहा है।