भगवान राम की जन्मस्थली और भारतीय सभ्यता के गहरे आध्यात्मिक महत्व का स्थल अयोध्या डिजिटल कायाकल्प और तकनीकी उत्कर्ष का अनुभव कर रहा है। भगवान राम की जन्मस्थली और भारतीय सभ्यता के गहरे आध्यात्मिक महत्व का स्थल अयोध्या डिजिटल कायाकल्प और तकनीकी उत्कर्ष का अनुभव कर रहा है।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक अयोध्या पहले से ही बुनियादी ढांचे के पुनरुत्थान के बीच में है। इस शहर को आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और भव्य स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहर में एक आगामी ग्रीनफील्ड टाउनशिप की भी योजना बनाई जा रही है, जिसमें भक्तों के लिए आवास सुविधाएं, आश्रमों, मठों, होटलों, विभिन्न राज्यों के भवनों के लिए जगह शामिल होगी।

मंत्रालय के मुताबिक एक पर्यटक सुविधा केंद्र, एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू नदी और उसके घाटों के आसपास बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरयू नदी पर क्रूज संचालन को भी नियमित सुविधा बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया है, जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में बसा हुआ है। अयोध्या में हमारी सर्वोत्तम परंपराएं और सर्वोत्तम विकासात्मक बदलाव दिखना चाहिए।
मंत्रालय ने बताया कि अयोध्या में अभी बड़े स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है। वहां की सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है और बहुस्तरीय कार पार्क सहित कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। मंदिरों का नवीनीकरण किया जा रहा है तथा सरयू नदी पर घाटों को बेहतर बनाया जा रहा है।
इस तरह शहर के कायापलट से वहां आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, कभी शांत रहे शहर में अभी चहल-कदमी बढ़ गई है। सरयू नदी पर नाव चलाने वाले नाविकों से लेकर हनुमान गढ़ी में फूल और प्रसाद बेचने वाले विक्रेताओं तक, सभी शहर में तेजी से डिजिटल भुगतान करते दिख रहे हैं।

सरयू नदी के तट पर लगभग 100 नाविकों में से एक अन्नू मांझी ने कहा कि डिजिटल भुगतान ने मेरे जीवन को आसान बना दिया है क्योंकि खुदरा पैसे के लिए इधर-उधर भागना नहीं पड़ता है। पैसा सीधे यूपीआई के माध्यम से मेरे बेटे के बैंक खाते में जाता है, जो हमारे लिए बहुत राहत की बात है।
अयोध्या में नदी किनारे पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार रामधन यादव क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करते हैं, जिससे विक्रेताओं और ग्राहकों दोनों के लिए लेनदेन आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि जब एक ग्राहक ने पूजा के सामान के लिए 100 रुपए का नोट दिया तो उन्होंने क्यूआर कोड की ओर इशारा करते हुए कहा कि कृपया ऑनलाइन भुगतान करें क्योंकि मेरे पास खुले पैसे नहीं हैं।
शाम की आरती के दौरान कनक भवन तक में काउंटरों पर क्यूआर कोड के माध्यम से दान आसानी से किया जाता है, जिससे भक्तों के लिए प्रक्रिया सरल हो जाती है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में, 2,000 रुपए तक का योगदान नकद रूप में किया जा सकता है, लेकिन इससे अधिक का योगदान ऑनलाइन ही किया जा सकता है, जो कि क्यूआर कोड के माध्यम से निर्बाध रूप से सुविधाजनक है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसनराव कराड ने बताया कि कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन की संख्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13,462 करोड़ हो गई है, जो कि 45 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर है। मौजूदा वित्त वर्ष में (1 अप्रैल, 2023 से 26 दिसंबर, 2023 तक) कुल 12,020 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए हैं। 26 जुलाई, 2023 तक देश में 14.92 लाख से अधिक भीम आधार भुगतान पीओएस लगाए गए हैं। 26 जुलाई तक 33.69 करोड़ से अधिक भौतिक और मोबाइल पीओएस तैनात किए गए हैं।

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