यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा भारत की 4 दिवसीय दौरे पर हैं। दिल्ली पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस अवसर पर यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने कहाकि, अगर मेरे राष्ट्रपति की बात प्रधानमंत्री मोदी से होती है तो वे उनको यूक्रेन आने का न्योता जरूर देंगे। मुझे लगता है कि एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत वास्तव में दुनिया का विश्वगुरु है। और मूल्यों और न्याय के लिए लड़ते हुए हमने यूक्रेन में यही महसूस किया है। 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। यूक्रेन की विदेश मामलों की प्रथम उप मंत्री एमीन झापरोवा 9 से 12 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी। एमीन झापरोवा यहां विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री से भी मुलाकात करेंगी। इस आधिकारिक यात्रा के दौरान एमिन जपरोवा भारत विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी।

यूक्रेन और रुस के बीच चल रहे युद्ध से दुखी यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने कहाकि, यूक्रेन ने कभी किसी और देश पर हमला नहीं किया। हम लोग अकारण जंग के पीड़ित हैं। जैसा की आपके प्रधानमंत्री ने कहा कि, यह युद्ध का युग नहीं है और हम इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से हम एक आक्रामक देश से घिरे हैं।

यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने आगे कहाकि, हम भारत को उसके आर्थिक संबंधों को लेकर किसी भी तरह से निर्देश नहीं दे सकते। हमें लगता है कि भारत को अपने संसाधनों को लेकर विविधता लानी चाहिए, न ही सिर्फ ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि अपनी सैन्य के क्षेत्र में भी लाना चाहिए।

यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने कहाकि, हमारे देश में जब हम सिर्फ रूस पर निर्भर थे तो उन्होंने उसका गलत फायदा उठाया। भारत को सैन्य अनुबंधों, राजनीतिक बातचीत में व्यावहारिक होना चाहिए।
4 अक्टूबर 2022 को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत की थी। तब पीएम मोदी ने कहा था कि, युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। हालांकि भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है और यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

Emine Dzhaparova का जन्‍म 5 मई 1983 को हुआ था। राजनीति में आने से पहले वो एक पत्रकार थीं। वे रेडियो स्वोबोडा में फ्रीलांसर थी। एमिन झापरोवा को कई देशों की भाषा आती है। वह अंग्रेजी, क्रीमियन तातार, टर्किश और स्पेनिश भी बोल लेती हैं।

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