बरेली। एके 47 जैसे खतरनाक हथियारों की खरीद फरोख्त करने वाले गैंग को जब एटीएस ने दबोचा और उनसे पूछताछ की तो वो शातिर ठग निकले। ठग लोगों को तांबे व सोने के सिक्के, दो मुंह वाला सांप व जमीन के अंदर देखने वाला चश्मा खरीदने का लालच देकर भी ठगी करते थे। टीम को मोबाइल गैलरी से एके 47 की फोटो भी मिली। ठगों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

एटीएस को सूचना मिली कि गुरदेव सिंह उर्फ काके निवासी भदसरा (पीलीभीत) अपने सात साथी अमित निवासी उधम सिंह नगर (उत्तराखंड), अमरजीत निवासी सितारगंज, हरिओम निषाद निवासी फुलवरिया (लखीमपुर खीरी), हरदीप सिंह निवासी सनौर पटियाला (पंजाब), मो सलीम निवासी मनिहार (लखीमपुर खीरी) और शकील अहमद इदरीशी निवासी पूरनपुर (पीलीभीत) और प्रदीप कुमार निवासी नौगंवा पकड़िया (पीलीभीत) के साथ मिलकर शस्त्रों के खरीद फरोख्त का कार्य कर रहा है। गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों का गठन किया गया। टीम ने मुखबिर की सूचना पर अमित, हरिओम, हरदीप सिंह, शकील, गुरदेव सिहं को हिरासत में लिया गया। हरिओम के मोबाइल से तांबे का सिक्का, दो मुंहा सांप, काली हल्दी व मूर्ति से संबंधित वीडियो मिली। पूछताछ में उसने बताया कि यह वीडियो व्हाट्सएप पर शेयर कर लोगों को लालच देकर धोखाधड़ी कर ठगते है। उसने बताया गुरदेव सिंह ने उसे एके 47 बेचकर ठगने के बारे में बताया था। हरिओम से कहा कि जिस दिन पार्टी पैसे लेकर आएगी उसे धोखा देकर पैसे लेकर गायब हो जाना है। इसी प्रकार लोगों को जमीन के अंदर देखने वाले चश्मे के बारे में बताकर ठगी करते थे। कैंट इंस्पेक्टर बलवीर सिंह ने बताया कि पकड़े गए ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

गुरदेव सिंह ने बताया कि 2020 में उसकी मुलाकात साबिर से हुई। उसने नेपाल के सोने के सिक्के दिखाए और आधे दाम में बेचने की बात कही। उसने दो सिक्के 32 हजार में खरीदे। एक सप्ताह बाद साबिर ने नेपाल से तीन लाख रुपये का माल नेपाल से लेकर आने की बात कही। यहां उसे साबिर ने धोखा दे दिया। कुछ माह बाद जब वह मिला तो गुरदेव ने अपने रुपये मांगे। साबिर ने उसे पैसे जल्द देने का भरोसा दिलाकर एक पार्टी को डिलिंग की बात की। पार्टी ने जैसे ही आठ लाख रुपये से भरा थैला दिया तभी दोनों मौका पाकर फरार हो गए। जिसमें से डेढ़ लाख रुपये गुरदेव को मिले थे।

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