शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में तैनात दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) को प्रशासन ने उनके आग्रह पर सुरक्षा उपलब्ध कराई है। दीवानी न्यायाधीश सीनियर डिवीजन (त्वरित न्यायालय) दिनेश कुमार दिवाकर के बड़े भाई न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई की थी।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) अशोक कुमार मीणा ने रविवार को बताया कि शाहजहांपुर में तैनात दीवानी न्यायाधीश सीनियर डिवीजन (त्वरित न्यायालय) दिनेश कुमार दिवाकर ने इससे पूर्व पत्र लिखकर उन्हें अवगत कराया था कि उनके बड़े भाई रवि कुमार दिवाकर वाराणसी में दीवानी न्यायाधीश थे, जिन्होंने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई करते हुए वर्ष 2022 में ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के आदेश दिए थे। उन्होंने बताया कि पत्र में दीवानी न्यायाधीश ने इस बात का जिक्र किया है कुछ दिन पहले लखनऊ में उनके आवास के पीछे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का एक एजेंट भी पकड़ा गया था, लिहाजा यहां उन्हें तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

न्यायाधीश ने पत्र में यह भी कहा है कि उच्च न्यायालय ने उन्हें तथा उनके पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूर्व में आदेश भी दिया था। मीणा ने बताया की सिविल जज दिनेश कुमार दिवाकर को मांगी गई सुरक्षा शनिवार को उपलब्ध करा दी गई है। दीवानी न्यायाधीश दिनेश कुमार दिवाकर के भाई रवि कुमार दिवाकर ने वर्ष 2022 में वाराणसी के दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) के पद पर रहते हुए ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के आदेश दिए थे। इस सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसके शिवलिंग होने का दावा किया था जबकि मुस्लिम पक्ष उसे फव्वारा बता रहा है।

 

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