मुजफ्फरनगर। “स्वस्थ मां स्वस्थ बच्चा जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा” की थीम पर मुजफ्फरनगर में परिवार नियोजन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। अभियान को धार देने के लिए जागरूकता अभियान का आगाज किया गया, जागरूकता वाहन को फैमिली नोडल अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सभी। अर्बन डीआरएस को सर्टिफिकेट भी दिए गए। इस अवसर पर पीएसआई इंडिया से मैनेजर कोमल, फील्ड मैनेजर शोभित, अर्बन कोऑर्डिनेटर कमल,अर्बन टीम, डॉ सोनू, डॉ रमन, डॉ वालिया, डॉ सव्ववर, डॉ मलिका, खालिद, एआरओ आनंद कुमार मौजूद रहे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि जिले में प्रत्येक प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि अप्रैल 2023 से दिसबंर 2023 तक नसबंदी केस जीरो नही होने चाहिए, अपने क्षेत्र में परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता कार्यकर्मों को बढ़ावा दें, ताकि लोग सचेत हो और खुद नसबंदी के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि पुरुषों में नसबंदी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है इसी वजह से वह नसबंदी करवाने से कतराते है, जबकि परिवार नियोजन के सरल उपाय नसंबदी ही है, औऱ पुरुष नसबंदी बेहद सरल व सुरक्षित प्रक्रिया है नसबंदी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में कुछ ही मिनटों में निपट जाती है। उन्होंने क्षेत्र वासियों से भी अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह की भ्रांति से दूर रहे और इस पखवाड़े का लाभ अवश्य उठाएं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के तहत जागरूकता वाहन को रवाना किया गया है, जो जिले में गली गली घूमकर लोगों को पुरुष नसबंदी के बारे में जागरूक करेगा।उन्होंने बताया यह पखवाड़ा 21 नवंबर से शुरु होकर 4 दिसंबर तक चलेगा, पखवाड़े के तहत महिला व पुरुष नसबंदी पर जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में प्रत्येक आशा को सख्त हिदायत दी गई कि अप्रैल 2023 से दिसंबर 2023 तक किसी भी आशा का नसबंदी केस जीरो नही होना चाहिए। प्रत्येक आशा को अपने क्षेत्र से महिला व पुरुष नसबंदी करवानी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग निरंतर कोशिश कर रहा है कि प्रत्येक परिवार को परिवार नियोजन का महत्व समझ में आए।
डॉ. दिव्या ने बताया कि पुरुषों में भ्रांति है कि नसबंदी से शारीरिक संबंध बनाने की क्षमता कम हो जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने बताया कि पुरुष की क्षमता पहले की तरह ही रहेगी, जबकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की नसबंदी सबसे आसान है। उन्होंने बताया कि बिना चीरा सिर्फ एक छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ता है। इसके बाद पुरुष सप्ताह भर तक भारी सामान नहीं उठा सकते। इसके बाद सामान्य रूप से सब काम कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुरुष नसंदी पखवाड़े के तहत नसबंदी करवाने वाले पुरुष को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जबकि प्रेषक को 400 रुपये दिए जाते है।