देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को एक बार फिर दहलाने की धमकी मिली है। मुंबई पुलिस को धमकी भरा फोन आया है। अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात कॉलर ने दावा किया कि दो पाकिस्तानी नागरिक शहर के प्रसिद्ध ताज होटल (Taj Hotel) को बम से उड़ाने के लिए पहुंच रहे है।
मुंबई पुलिस के मुख्य नियंत्रण कक्ष (Mumbai Police Control Room) में गुरुवार को एक गुमनाम कॉल आई, जिसमें फोन करने वाले अज्ञात शख्स ने कहा कि पाकिस्तान से दो लोग समुद्री मार्ग से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करेंगे और शहर के ऐतिहासिक ताज होटल को बम से उड़ा देंगे। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
पुलिस के मुताबिक, फोन करने वाले ने अपना नाम मुकेश सिंह (Mukesh Singh) बताया। हालाँकि, जांच से पता चला कि फोन करने वाले आरोपी का असली नाम जगदंबा प्रसाद सिंह (Jagdamba Prasad Singh) है। 35 वर्षीय आरोपी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा का निवासी है और अभी मुंबई के सांताक्रूज़ इलाके (Santacruz News) में रहता है।
क्राइम ब्रांच की यूनिट-9 के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर दया नायक (Daya Nayak) और उनकी टीम ने सिंह को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 505(1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया है और मामले की आगे की जांच कर रही है।
ताज होटल को पहले भी इस तरह की धमकी भरे कॉल मिले थे, जो जाँच में फर्जी साबित हुए। बता दें कि मुंबई के कोलाबा इलाके (Colaba) में स्थित ताज होटल शहर पर 2008 में आतंकवादी हमला हुआ था। 12 जुलाई को मुंबई पुलिस को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर धमकी दी थी कि अगर सीमा हैदर (Seema Haider) को वापस पाकिस्तान नही भेजा गया तो 26/11 जैसा आतंकी हमला किया जायेगा।
मालूम हो कि 10 पाकिस्तानी आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे और उनके हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 मारे गए थे तथा कई अन्य लोग घायल हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था।
मालूम हो कि 10 पाकिस्तानी आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे और उनके हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 मारे गए थे तथा कई अन्य लोग घायल हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था।
यह हमला 26 नवंबर को शुरू हुआ था और 29 नवंबर तक चला था। इस दौरान ताज होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन सामुदायिक केंद्र जैसे कई स्थानों को निशाना बनाया गया था। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में अजमल कसाब एकमात्र आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था। उसे चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई।