सुप्रीम कोर्ट ने क्लिनिक में रखी दवाओं के निर्माता व अन्य खुलासा नहीं करने पर एक डॉक्टर को सुनाई गई छह माह के कारावास की सजा को एक लाख रुपए के जुर्माने में बदल दिया। हालांकि अदालत ने ट्रायल कोर्ट द्वारा की गई डॉक्टर की दोषसिद्धि बरकरार रखी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने कहा कि डॉक्टर के पास केवल थोड़ी मात्रा में दवाएं थीं जो वितरण या बिक्री के लिए नहीं थी, इसलिए कारावास की सजा देना अनुचित होगा। डॉक्टर ने ट्रायल कोर्ट के दोषसिद्धि व सजा के निर्णय पर हाई कोर्ट में राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। ड्रग इंस्पेक्टर के निरीक्षण के दौरान पता चला कि क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर के पास बिक्री के लिए जरूरी लाइसेंस के बिना कुछ दवाएं रखी हैं। डॉक्टर ने इन दवाओं को स्रोत व निर्माता का विवरण भी नहीं दिया।
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस एनवी अंजारिया कर्नाटक हाई कोर्ट के नए चीफ जस्टिस होंगे। केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। मूलत: गुजरात हाई कोर्ट के ही जस्टिस अंजारिया कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीएस दिनेश कुमार का स्थान लेंगे जो 24 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सक्षम न्यायालय के आदेश के बिना बड़ी बहन के पास छोटी बहन पर संरक्षकता का कानूनी अधिकार नहीं है। कोर्ट ने एक महिला की अपनी छोटी बहन की पेशी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण अपील खारिज करते हुए यह आदेश दिया। अपीलकर्ता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट में राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता अन्य विधिक विकल्पों का उपयोग कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सक्षम न्यायालय के आदेश के बिना बड़ी बहन के पास छोटी बहन पर संरक्षकता का कानूनी अधिकार नहीं है। कोर्ट ने एक महिला की अपनी छोटी बहन की पेशी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण अपील खारिज करते हुए यह आदेश दिया। अपीलकर्ता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट में राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता अन्य विधिक विकल्पों का उपयोग कर सकती है।