डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को डेरा मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या मामले में हाईकोर्ट ने आज बरी कर दिया है। कोर्ट ने 22 पुराने हत्या के मामले में चार अन्य दोषियों को भी बरी किया है। हालांकि राम रहीम अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। रेप और पत्रकार की हत्या मामले में हाईकोर्ट में राम रहीम की अपील अभी भी लंबित है। ऐसे में राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल ही रहना होगा।
डेरा के मैनेजर रणजीत सिंह की 2002 में गोलीमार कर हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को 18 अक्टूबर 2021 को दोषी ठहराया गया था। इस मामले में कोर्ट ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अब चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को बदल दिया है।
गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने आज इस पर सुनवाई करते हुए करते हुए डेरा प्रमुख सहित पांच दोषियों को बरी कर दिया। इस मामले में अन्य आरोपी अवतार सिंह, सबदिल सिंह, कृष्णलाल और जसबीर सिंह हैं। हालांकि एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो चुकी है।
डेरा की प्रबंधन समिति के सदस्य रणजीत सिंह की 10 जुलाई, 2002 में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं होने के बाद रणजीत सिंह के बेटे ने 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की और यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई की विशेष कोर्ट 2021 में राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। अब हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसला को बदल दिया है।