नरेंद्र मोदी 9 जून, रविवार को शाम 7:15 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन ने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बयान जारी कर बताया, “राष्ट्रपति 9 जून 2024 को शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।”
इस बीच सरकार गठन को लेकर भाजपा और एनडीए नेताओं के बीच शीर्ष स्तर पर बैठकों का दौर भी लगातार जारी है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर मंत्रिमंडल के गठन को लेकर विचार-विमर्श किया।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर शाम को बैठकों का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक जारी रहा। जेपी नड्डा के आवास पर आरएलडी से जयंत चौधरी, एनसीपी से अजित पवार, जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जेडीयू नेता नीतीश कुमार सहित कई अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने अलग-अलग समय पर पहुंचकर सरकार के स्वरूप को लेकर अपनी-अपनी बात जेपी नड्डा, अमित शाह और राजनाथ सिंह के सामने रखी।
मुलाकातों के इस सिलसिले के अभी आगे भी जारी रहने की संभावना है। बैठक से बाहर आने के बाद जयंत चौधरी ने दावा किया कि देश के विकास को लेकर चर्चा हुई, अच्छी मुलाकात रही और इस मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
चिराग पासवान ने भी इसे औपचारिक मुलाकात बताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
इससे पहले शुक्रवार को संसद के पुराने भवन के सेंट्रल हॉल में हुए एनडीए सांसदों की बैठक में नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया।
इसके बाद भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में एनडीए नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दोपहर 2.30 बजे राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र सौंपा। जिसमें राष्ट्रपति को यह जानकारी दी गई कि नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया है।
राष्ट्रपति को एनडीए के घटक दलों की ओर से समर्थन का पत्र भी सौंपा गया। प्राप्त हुए विभिन्न समर्थन पत्रों के आधार पर और इस बात के लिए संतुष्ट होने पर कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन, जोकि सबसे बड़ा चुनाव-पूर्व गठबंधन भी है,
नवगठित 18वीं लोकसभा में बहुमत का समर्थन हासिल करने और एक स्थिर सरकार बनाने की स्थिति में है, राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 75(1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया।