मध्य प्रदेश के लिए ये चुनावी साल है। ऐसे में राज्य में बढ़ रही जयस और भीम आर्मी जैसे संगठनों की सक्रीयता से निपटने के लिए भारतीय जना पार्टी ने भी कमर कस ली है। इसके लिए रणनीति बनानी शुरु कर दी गई है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले ऐसे संगठनों की सक्रियता से माहौल खराब होने का खतरा है। इस मामले पर रविवार को मध्य प्रदेश कार्यालय में आयोजित भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में गहन चर्चा हुई।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोर ग्रुप के सदस्यों से कहा कि, ऐसा संगठनों का चेहरा समाज के सामने बेनकाब करने की रणनीति बनानी होगी। इसपर आज से ही काम शुरु किया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि, चुनाव को देखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय नेता और केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश का लगातार राज्य में दौरा करें और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर उनकी छोटी से छोटी समस्याओं का निराकरण करें। बता दें कि, भाजपा की ये महत्वपूर्ण बैठक करीब सवा दो घंटे तक चली, जिसमें चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को कैसे सक्रिय करना है, उस पर गहनता से बातचीत की गई।
पार्टी पदाधिकारियों की सबसे बड़ी चिंता नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करने की है। क्योंकि, इस बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वयं पार्टी को 200 पार का नारा दिया है। इसलि कार्यकर्ताओं के सामने सबसे बड़ी चिंता टारगेट हासिल करने की है। ऐसे में हर एक कार्यकर्ता को सक्रिय करने के साथ साथ संगठन में कसावट लाने पर खास जोर दिया गया है।
नड्डा ने कहा कि ,भाजपा विरोधी ताकतों से निपटने के अलावा केंद्र और राज्य सरकार की हितग्राहीमूलक योजनाओं का प्रचार करें, लोगों को बताएं कि, भाजपा किस तरह से उनकी जिंदगी बदल रही है। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि, मनमुटाव भुलाकर पार्टी के पक्ष में काम करें। 51 प्रतिशत वोट शेयर का लक्ष्य लेकर चलें। उन्होंने नेताओं को नसीहत दी कि, चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचा, ऐसे में गैर जरूरी बयानबाजी न करें, ताकि माहौल खराब हो और पार्टी को किसी विरोध का सामना ना करना पड़े।
आपको बता दें कि, भाजपा की इस अहम बैठक में कोर ग्रुप के सदस्य राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी पी़ मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, जयभान सिंह पवैया, अजय जामवाल, राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय और रामशंकर कठेरिया शामिल हुए।