मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को चंडीगढ़ सेक्टर 46 स्थित धनवंतरी आयुर्वेद कॉलेज में आयुर्वेद पर्व का दीप जलाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद से असाध्य बीमारियों का इलाज संभव हुआ है। एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली में जल्दी इलाज संभव है लेकिन इसके अनेक साइड इफेक्ट्स हैं जबकि आयुर्वेद में मरीज को बेहतर ईलाज मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा पर सबका अधिकार है और इसी को ध्यान में रख प्रदेश सरकार ने शिक्षा के विस्तारीकरण और चिकित्सा सुविधा सभी को सहज उपलब्ध हो इसके प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि चिरायु हरियाणा योजना को लागू किया है ताकि हर नागरिक को चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच सुनिश्चित हो इसके लिए निरोगी हरियाणा योजना शुरू की है। पहले चरण में अंत्योदय परिवारों का फ्री मेडिकल चेकअप किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आयुर्वेद के प्रोत्साहन के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में कुरुक्षेत्र में 100 एकड़ भूमि पर श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है।
श्री धनवंतरी आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जनरल सेक्रेटरी वैद्य नरेश मित्तल ने विस्तार से कॉलेज की उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि श्री धन्वंतरी एजुकेशन सोसाइटी 1976 में बनी और इसके साथ ही श्री धनवंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की । श्री धनवंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल चंडीगढ़ का एकमात्र आयुर्वेदिक संस्थान है जो श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, हरियाणा से संबद्ध है। श्री धनवंतरी आयुर्वेदिक अस्पताल में 125 बेड की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही कॉलेज में 100 यू.जी. और 24 पी.जी. सीटें हैं और शीघ्र ही पीएचडी शुरू करेगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन ट्रस्ट, वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, मेयर मुंसिपल कॉरपोरेशन पंचकूला एवं चेयरमैन श्री धनवंतरी एजुकेशन सोसायटी चंडीगढ़, कुलभूषण गोयल, मेयर मुंसिपल कॉरपोरेशन चंडीगढ़ अनूप गुप्ता, नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के अध्यक्ष राकेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्र व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।