वाघ बकरी टी ग्रुप के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई का गुजरात के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। आवारा कुत्तों से बचने की कोशिश में वह ठोस सतह पर गिर गए थे जिससे उनके मस्तिष्क में गहरी चोट आई थी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को 50 वर्षीय देसाई के निधन की जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि 15 अक्टूबर की शाम को अपने आवास के बाहर टहलते समय देसाई आवारा कुत्तों से बचने की कोशिश में गिर पड़े थे जिससे उनके सिर में गहरी चोट लगी थी और वह अचेत हो गए थे।
देसाई परिवार के इस करीबी अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें ब्रेन हैमरेज होने पर फौरन अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां से उन्हें एक और अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी और वह लगातार डॉक्टरों की निगरानी में थे। लेकिन रविवार शाम सात बजे उनका निधन हो गया।” देसाई अहमदाबाद स्थित इस चाय कारोबारी समूह के निदेशक मंडल में शामिल दो कार्यकारी निदेशकों में से एक थे। दूसरे कार्यकारी निदेशक पारस देसाई हैं। पराग देसाई चाय कंपनी के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के बेटे थे।
उन्होंने अमेरिका की लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था। उन्होंने समूह के लिए बिक्री, विपणन और निर्यात विभागों का नेतृत्व किया। उन्हें चाय के स्वाद की बेहतरीन समझ थी। वाघ बकरी टी ग्रुप देश में चाय कारोबार की अग्रणी कंपनियों में से एक है। इसका कारोबार 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है और यह पांच करोड़ किलोग्राम से अधिक डिब्बाबंद चाय का वितरण करती है। इसकी स्थापना वर्ष 1892 में नरनदास देसाई ने की थी। इस बीच, शाल्बी हॉस्पिटल ने बयान में कहा, ‘‘देसाई को अचेतावस्था में अस्पताल लाया गया था। उस समय यह कहा गया कि कुत्तों के दौड़ाने पर वह गिर गए थे लेकिन उनके शरीर पर कुत्ते के काटने का कोई निशान नहीं था।”
अस्पताल के मुताबिक, मरीज के सीटी स्कैन से पता चला था कि उनके सिर में गहरी चोट लगी है। उन्हें सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती करा दिया गया था और निगरानी में रखने की सलाह दी गई थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है। अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के प्रमुख देवांग दानी ने देसाई के निधन को दुखद घटना बताते हुए कहा कि आवारा कुत्तों के बारे में लोगों से शिकायत मिलने पर फौरन कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम इन आवारा कुत्तों को पकड़ती है और उनका बंध्याकरण करने के बाद उसी इलाके में छोड़ देती है। हम इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हैं।”