वाराणसी। दशहरे के बाद श्री चेतगंज रामलीला समिति की नक्कटैया हर साल की तरह इस साल भी करवाचौथ के दिन होगी। काशी के लक्खा मेले (जिसमें एक लाख से अधिक लोग आते हैं) में शुमार इस मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह मेला इस वर्ष 137वें साल में प्रवेश कर गया। समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि चेतगंज की विश्व प्रसिद्ध नक्कटैया मेले की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। हर साल की तरह इस साल भी मेले में वाराणसी, मध्य प्रदेश के कई जिलोंम, प्रयागराज, मेजा, झूसी, सुल्तानपुर, जौनपुर आदि इलाकों से झांकिया आएंगी। इसमें हमास-इजरायल युद्ध पर आधारित झांकी और मंगलयान पर बनी झांकी प्रमुख होगी।
समिति के अध्यक्ष ने बताया कि आज से 136 साल पहले अंग्रेजों के क्रू शासन काल में अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए नक्कटैया मेले की शुरुआत बाबा फतेह राम जी ने करवाई थी। उसके बाद से यह लीला स्थानीय लोगों की सहायता और व्यापारियों की मदद से निर्बाध गति से होती रही। उस जमाने में इसमें देश को झकझोरने वाले लाग विमानों का प्रदर्शन किया जाता था जिससे जनता आजादी के लिए जागरूक हो अब उसका स्वरुप बदलकर समसामयिक घटना पर आधारित होगया है। करवाचोथ के दिन चेतगंज में ठीक समय पर शूर्पणखा की नाक काटी जाती है।
अध्यक्ष अजय गुप्ता बच्चा ने बताया कि परंपरा के अनुसार मेले का शुभारम्भ ठीक 12 बजे रात में चेतगंज थाने के पास पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैनऔर जिलाधिकारी एस राजलिंगम करेंगे। इसके बाद लाग विमान और झांकियां अपने पारंपरिक रस्ते से नक्कटैया स्थल पहुंचेंगे और नक्कटैया के बाद मेला समाप्त होगा।