पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान आचार्य चाणक्य कौशल्य विकास केंद्र और पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर महिला स्टार्टअप योजना का शुभारंभ किया। साथ ही, महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्क की आधारशिला भी रखी।
पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,’2 दिन पहले ही हम सबने विश्वकर्मा पूजा का उत्सव मनाया है और आज वर्धा की धरती पर हम पीएम विश्वकर्मा योजना की सफलता का उत्सव मना रहे हैं। आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 1932 में आज के ही दिन महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान शुरू किया था।’
उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्वकर्मा योजना के 1 साल पूर्ण होने का ये उत्सव प्रेरणा का ऐसा संगम है जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों को नई ऊर्जा देगा। वर्धा में पीएम ने कहा कि आज अमरावती में ‘पीएम मित्र पार्क’ की आधारशिला भी रखी गई है। आज का भारत अपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को वैश्विक बाजार में टॉप पर ले जाने के लिए काम कर रहा है।
देश का लक्ष्य है – भारत की टेक्सटाइल सेक्टर के हजारों वर्ष पुराने गौरव को पुनर्स्थापित करना। अमरावती का ‘पीएम मित्र पार्क’ इसी दिशा में एक और बड़ा कदम है। इस दौरान पीएम ने कहा कि अगर पिछली सरकारों ने विश्वकर्मा बंधुओं की चिंता की होती तो इस समाज की कितनी बड़ी सेवा होती। लेकिन कांग्रेस और उसके दोस्तों ने SC/ST/OBC को जानबूझकर आगे नहीं बढ़ने दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा योजना की एक और विशेषता है। जिस स्केल पर, जिस बड़े पैमाने पर इस योजना के लिए अलग अलग विभाग एकजुट हुए हैं, ये भी अभूतपूर्व है। देश के 700 से ज्यादा जिलें, 2.5 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायत, 5 हजार शहरी स्थानीय निकाय मिलकर इस अभियान को गति दे रहे हैं।
एक साल में ही 18 अलग-अलग पेशों के 20 लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना से जोड़ा गया। सिर्फ साल भर में ही 8 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण मिल चुकी है। अकेले महाराष्ट्र में ही 60 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण मिली है।
कहा कि अब तक 6.5 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी मुहैया कराए जा चुके हैं। इससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15,000 रुपये का ई-वाउचर भी दिया जा रहा है। कारोबार बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा रहा है।
मुझे खुशी है कि 1 साल के अंदर ही विश्वकर्मा भाई-बहनों को 1400 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है। यानी विश्वकर्मा योजना हर पहलू का ध्यान रख रही है। इसीलिए ये इतनी सफल हो रही है और लोकप्रिय हो रही है।