0 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने जा रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” नारे और “वोट जिहाद” के मुद्दे पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। जहां एक तरफ विपक्षी दल इस नारे की आलोचना कर रहे हैं, वहीं कई प्रमुख साधु-संत और हिंदू धर्मगुरु इसे समर्थन दे रहे हैं।

देश के कई प्रमुख साधु-संतों ने प्रधानमंत्री मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” नारे का समर्थन किया है और लोगों से सनातन धर्म के लिए भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की है। उनका कहना है कि जब मुस्लिम धर्मगुरु हिंदुत्व विरोधी सरकारों के लिए वोट करने की अपील कर रहे हैं, तो हिंदू समाज को भी एकजुट होकर हिंदुत्ववादी सरकारों का समर्थन करना चाहिए।

मां बगलामुखी सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर त्रिशूल बाबा ने कहा कि अगर मुस्लिम धर्मगुरु गैर हिंदुत्ववादी सरकार के पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं, तो हमें भी केवल हिंदुत्ववादी सरकार का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत में एक षड्यंत्र के तहत गैर-सनातनी सरकार को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, और इस स्थिति में हिंदू समाज को केवल हिंदुत्ववादी सरकार के पक्ष में मतदान करना चाहिए।

महंत दुर्गादास, जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता भी हैं, ने “वोट जिहाद” पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा इस तरह की अपील करना न केवल देशद्रोह है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरे की बात है। उनका कहना था कि मतदान एक नागरिक का अधिकार है, और इसे कोई भी धर्मगुरु नहीं छीन सकता। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने स्वतंत्र मतदान अधिकार का सही तरीके से उपयोग करें, ताकि देश में सही नेतृत्व आए।

स्वामी हंसराम, जो हरिशेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर हैं, ने भी वोट जिहाद के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ इस्लामिक स्कॉलर ने चुनाव के दौरान यह घोषणा की है कि जो लोग भाजपा को वोट देंगे, उनका ‘हुक्का पानी बंद’ कर दिया जाएगा। स्वामी हंसराम ने इसे विभाजनकारी अपील बताया और कहा कि इस तरह की बयानबाजी का विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने हिंदू समाज से अपील की कि वे देश और सनातन धर्म की सुरक्षा के लिए एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में वोट करें।

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने “वोट जिहाद” के मामले में आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने मुफ्ती सलमान से आशीर्वाद लिया, जो गजवा-ए-हिंद की बात करते हैं। उन्होंने लिखा कि यह वही मुफ्ती सलमान हैं जिन्हें हिंदुओं को धमकाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पूनावाला ने सवाल उठाया कि क्या उद्धव ठाकरे और एमवीए सरकार इस पर बोलेंगे और इस गठबंधन को तोड़ेंगे?

राजू दास, एक हिंदू धर्मगुरु ने महाराष्ट्र में चल रहे “वोट जिहाद” के मामले को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु और कट्टरपंथी ताकतें हिंदू धर्म विरोधी राजनीति को बढ़ावा दे रही हैं। उनका कहना था कि यह बहुत चिंता का विषय है कि चुनावों में वोट जिहाद का सहारा लिया जा रहा है और मुस्लिम उलेमा भाजपा के खिलाफ मतदान करने की अपील कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हिंदू धर्मगुरुओं को इसलिए सामने आकर बात करनी पड़ी है क्योंकि लगातार हिंदू विचारधारा को सत्ता से बाहर रखने और राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि हिंदू समाज एकजुट होकर अपनी संस्कृति और विचारधारा की रक्षा करे।

इस समय महाराष्ट्र चुनाव में सियासी घमासान और धर्मनिरपेक्षता का मुद्दा गर्माया हुआ है। जहां एक ओर कुछ धर्मगुरु और साधु-संत प्रधानमंत्री मोदी के नारे का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल और कुछ मुस्लिम धर्मगुरु इस प्रकार के वोट जिहाद को देश की एकता के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं। चुनावों के दौरान इस प्रकार की विभाजनकारी अपीलों से देश के राजनीतिक माहौल में एक नई बहस खड़ी हो गई है।

 

 

 

 

 

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