कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कांग्रेस सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार होने के प्रयासों के बीच शनिवार को पार्टी में असंतोष के स्वर उभरे। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमयूडीए साइट आवंटन घोटाले में कार्रवाई है, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उनकी पत्नी पार्वती बी एम आरोपियों में शामिल हैं।

भाजपा के दो असंतुष्ट विधायकों बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और रमेश जरकीहोलीने प्रदेश पार्टी प्रमुख बी वाई विजयेंद्र पर निशाना साधते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया।

बेलगावी जिले के गोकक तालुक के अंकलगावी गांव में पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान जरकीहोली ने कहा, ‘‘लोग भाजपा में कलह की बात करते हैं, लेकिन हमारे बीच कोई आंतरिक लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई केवल (प्रदेश) पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ है।’’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सिद्धरमैया एवं अन्य के खिलाफ दर्ज मामले के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएल) 2002 के प्रावधानों के तहत 142 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिनका बाजार मूल्य करीब 300 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं जो रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।

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