उत्तर प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर से बहस तेज हो गई है। मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या राज्य सरकार लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी का इंतज़ार करेगी या फिर वह यूपीएससी की दिशा-निर्देशों के अनुरूप नया डीजीपी नियुक्त करेगी। वर्तमान में धारा की निगाहें झारखंड की ओर भी हैं, जहां डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल, 2025 को रिटायर घोषित किया है। इस विषय पर झारखंड सरकार ने गुप्ता को पद पर रखने की कोशिश की, हालांकि, मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष है। मंत्रालय ने झारखंड सरकार को लिखित निर्देश दिए हैं कि वह गुप्ता को पद से हटाए और नए डीजीपी की नियुक्ति करे। इस मामले पर राज्य सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया है। गृह मंत्रालय का तर्क है कि आल इंडिया सर्विसेज के अधिकारियों को सेवा विस्तार का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है, और राज्य सरकार इसे अपने मनमाने तरीके से नहीं कर सकती।
झारखंड सरकार ने 8 जनवरी, 2025 को ‘पुलिस महानिदेशक का चयन और नियुक्ति नियमावली-2025’ को मंजूरी दी थी। इस नियमावली के तहत रिटायर्ड जजों की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी, जिसने अनुराग गुप्ता को स्थायी डीजीपी के पद पर नियुक्त किया था। हालाँकि, केंद्र सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करार दिया और कार्रवाई के लिए झारखंड सरकार को निर्देशित किया है। गृह मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में स्पष्ट किया कि नई नियमावली सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है और गुप्ता की नियुक्ति अवैध है।
यूपी में भी डीजीपी की नियुक्ति को लेकर स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। योगी सरकार ने सितंबर में एक नियमावली बनाई थी, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसके अलावा, यूपी के चार अन्य राज्यों में भी डीजीपी की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। हाल ही में यूपीएससी ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत डीजीपी के लिए पात्रता सूची सही से प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी। इससे यह भी साफ हो जाता है कि राज्य सरकारों के द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में कई कमियाँ स्पष्ट हैं।
अंततः, जब प्रशांत कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद नया डीजीपी नियुक्त किया जाएगा, तब कई विकल्प खुल रहे हैं। यद्यपि कार्यवाहक के रूप में राजीव कृष्ण का नाम सबसे आगे है, लेकिन अगर यूपीएससी के माध्यम से प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो आदित्य मिश्रा, संदीप सालुंके और रेणुका मिश्रा जैसे अधिकारियों के नाम पर विचार किया जाएगा। अगर प्रशांत कुमार को कुछ महीनों के लिए विस्तार मिलता है, तो यह देश की वर्तमान सुरक्षा की स्थिति पर निर्भर करेगा। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति का मामला अन्य राज्यों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है और यह स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच शक्तियों के विवाद को भी उजागर करता है।