पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से सोमवार को झड़प की कई घटनाएं सामने आईं। अज्ञात उपद्रवियों ने विपक्षी नेताओं पर कथित तौर पर उस समय हमला किया, जब वे पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दासपुर (पश्चिम मेदिनीपुर), काकद्वीप (दक्षिण 24 परगना), रानीनगर (मुर्शिदाबाद), शक्तिनगर और बर्शुल (दोनों पूर्व बर्धमान में) और मिनाखान (उत्तर 24 परगना) में झड़प की सूचनाएं मिली थीं।
उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में बांकुड़ा जिले के सोनामुखी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दिबाकर घरामी पर अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर उस समय हमला किया, जब वह नामांकन केंद्र की ओर जा रहे थे।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विपक्षी दलों पर चुनाव में देरी करने और हार के डर से राज्य की छवि को धूमिल करने के लिए गठजोड़ करने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर, विपक्षी भाजपा, कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न जिलों में नामांकन पत्र जमा करने से रोका गया है। इन दलों का कहना है कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बिना, राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव होना असंभव है।
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘झड़पों की ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं और हमने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से इस संबंध में विवरण मांगा है।’’
एसईसी ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सभी नामांकन केंद्रों के एक किलोमीटर के दायरे में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का निर्देश दिया था।
रविवार को जारी किये गये आदेश बृहस्पतिवार तक प्रभावी रहेंगे। पंचायत चुनाव आठ जुलाई को होगा।
एसईसी के अधिकारी ने कहा कि अब तक 10,000 से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए जा चुके हैं।
इस बीच, एसईसी ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को बताया कि वह पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि एक दिन बढ़ाकर 16 जून कर सकता है।